हरियाणा के सोनीपत की मोनिका मलिक ने बचपन में हॉकी थामी थी। जिस दिन से हॉकी को हाथ लगाया, फिर पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज मोनिका भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्या हैं और ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगी।
नई दिल्ली। टोक्यो में होने वाले ओलंपिक खेलों में इस बार भारतीय बेटियों का जलवा देखने को मिलेगा। खासकर हरियाणा की बेटियों पर खास निगाहें रहेंगी। टोक्यो ओलंपिक के लिए विभिन्न टीमों में स्थान बनाने वाली सोलह बेटियां अकेले हरियाणा की हैं। इसी में से एक हैं हरियाणा के सोनीपत की मोनिका मलिक। वे भारत के लिए करीब डेढ़ सौ से ज्यादा मैच खेल चुकी हैं। 26 साल की इस अनुभवी खिलाड़ी की निगाहें अब ओलंपिक पदक जीतने पर लगी हैं।
दादी ने प्रतिभा को पहचाना
हरियाणा के सोनीपत जिले के गांव गामड़ी की गलियों में खेलते-कूदते मोनिका का बचपन बीता। बचपन में ही उन्हें खेलों से लगाव था। उनकी प्रतिभा को दादी चंद्रपति ने पहचाना और उन्हें थमा दी हॉकी। मोनिका की दादी को अहसास हो गया कि अगर उन्हें प्रशिक्षण दिलवाया जाए, तो वे जरूर हॉकी में अपनी पहचान बना सकती हैं। उन्हें अपने बेटे और मोनिका के पिता तकदीर सिंह, जो चंडीगढ़ पुलिस में हैं उनसे कहा। थोड़ी ना नुकर के बाद वे अपने पूरे परिवार को चंडीगढ़ ले गए और मोनिका को अकादमी ज्वाइन कराई। स्कूल खत्म होने के बाद मोनिका अभ्यास करतीं। अच्छा प्रशिक्षण मिलने के बाद मोनिका के खेल में सुधार होता गया। उन्होंने स्कूल, जिला फिर राज्य स्तर के मुकाबलों में श्रेष्ठ प्रदर्शन किया। उनके खेल को देखते हुए उनका चयन भारतीय जूनियर हॉकी टीम में किया गया।
महिला हॉकी विश्वकप से मिली पहचान
अपने बीस साल के सफर में उन्होंने जिला व राज्य स्तर की जूनियर टीमों में खेलते हुए शानदार प्रदर्शन किया। धीरे-धीरे खेल में सुधार हुआ, तो पहचान बनीं। 2013 में मोनिका ने जर्मनी में आयोजित जूनियर महिला हॉकी विश्वकप में भाग लिया। इस विश्वकप में भारतीय टीम ने कांस्य पदक जीता था। यहां से जब वो लौटकर गांव पहुंची तो उनका भव्य स्वागत हुआ। जूनियर महिला हॉकी विश्वकप में जब भारत को कांसे से संतोष करना पड़ा तो मोनिका बेहद निराश हुईं। तभी मोनिका ने खुद से पक्का वादा कर लिया कि वे भारत को गोल्ड मेडल दिलवाकर रहेंगी। ओलंपिक में उनका चयन होने के बाद उनको उम्मीद जगी है कि भारतीय टीम जरूर इस सपने को पूरा करेगी।
भारत के लिए गोल्ड जीतने का सपना
मोनिका कहती हैं कि उनका पूरा ध्यान ओलंपिक में गोल्ड जीतन पर है। वे कहती हैं कि पिछले कुछ समय में उनकी टीम ने कई मुकाबलों में अच्छा प्रदर्शन किया है। ओलंपिक जैसे बड़े मंच पर खेलना उनके लिए बेहद गर्व की बात है। जो भरोसा देश ने उनपर जताया है, वो उस भरोसे पर खरा उतरेंगी। वे कहती हैं कि हम ओलंपिक में पदक जीतने के लिए सब कुछ झोंक देंगे।’
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.