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कोरोना वैक्सीन पर काम कर रही हैं भारत की बेटी चंद्रा

Published - Sat 12, Dec 2020

चंद्रा दत्ता ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना की वैक्सीन पर काम करने वाली टीम का हिस्सा हैं और कोरोना महामारी को रोकने के लिए वैक्सीन बनाने में जुटी हैं।

Chandrabali Datta

नई दिल्ली। कोरोना महामारी दिनों-दिन और गंभीर होती जा रही है। देश और दुनिया के वैज्ञानिक इसकी वैक्सीन खोजने और बनाने में जुटे हैं, लेकिन अभी तक किसी को सफलता हाथ नहीं लगी हैं। जहां इस खोजी अभियान में विदेशों में भारतीयों की भागीदारी किसी से छिपी नहीं हैं, वहीं ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में कोरोना वैक्सीन बनाने की दिशा में काम रही टीम में भारत की बेटी चंद्रा दत्ता भी अपना योगदान दे रही हैं। मूल रूप से कोलकता की रहने वाली चंद्रा चाहती हैं कि जल्द से जल्द वैक्सीन बन जाए।

बायोसाइंस में एमएसी हैं कर रही हैं चंद्रा
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में क्वॉलिटी अश्योरेंस मैनेजर के पद पर कार्यरत्त चंद्रा ने बायोसाइंस (बायोटेक्नोलॉजी) में एमएससी करने के लए यूके लीड्स यूनिवर्सिटी में एडमिशन लिया था। उससे पहले वो कोलकता के हेरिटेज इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग, बायोटेक्नोलॉजी में बीटेक कर चुकी हैं। कई नामी कंपनियों में काम करने के बाद उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी ज्वाइन की और क्लीनिकल बायोमैन्यूफैक्चरिंग विभाग में बतौर क्वॉलिटी अश्योरेंस मैनेजर की नौकरी करने लगीं। उनका काम यूनिवर्सिटी द्वारा बनाई जा रही वैक्सीन्स की क्वॉलिटी को परखना होता है और ये देखना होता है कि वैक्सीन को बनाने के लिए सुरक्षित तरीके का इस्तेमाल किया जा रहा है या नहीं। अगर किसी भी तरह की गड़बड़ नजर आती है, तो वह चीजों को तुरंत दुरुस्त करने के लिए कहती हैं।

कोरोना वैक्सीन पर भी कर रही हैं काम
यूनिवर्सिटी द्वारा कोरोना वैक्सीन पर तेजी से काम किया जा रहा है। उन्होंने वैक्सीन पर हो रहे काम के लिए पेपरवर्क की जांच की और इसी आधार पर क्वॉलिटी प्रोफेशनल ने उस बैच को सर्टिफिकेट जारी किया। चंद्रा बताती हैं कि वैक्सीन के क्लीनिकल ट्रायल के लिए उसे आगे भेजा गया है। चूंकि चंद्रा शुरू से ही फार्मास्यूटिकल इंडस्ट्री से जुड़ी हैं ,तो उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही वैक्सीन सफल हो जाएगी। चंद्रा कहती हैं कि मुझे उस दिन ज्यादा खुशी होगी, जब हम इंसानी जीवन को बचाने, उसे बेहतर बनाने के लिए वैक्सीन को शत-प्रतिशत सफल बना देंगे।

जल्द से से जल्द बनाना चाहती हैं वैक्सीन
ऑक्सफोर्ड की टीम के साथ जुड़ी चंद्रा का कहना है कि किसी भी वैक्सीन को बनाने में आमतौर पर तीन से चार साल का समय लगता है, लेकिन कोरोना वैक्सीन को हम जल्द से जल्द तैयार करना चाहते हैं। हमारी कोशिश है कि वो सभी परीक्षणों में सफल होकर बाजार में पहुंच जाए। फिलहाल उनकी टीम ने छह सौ वैक्सीन बनाए हैं और एक हजार बनाने की तैयारी में हैं। वो इसे जल्द से जल्द मास लेवल तक पहुंचाना चाहती हैं।