देश में लॉकडाउन चल रहा है। लाखों प्रवासी मज़दूर शहर से अपने गांव, अपने घर की तरफ जा रहे हैं। ऐसे में कई लोग इनकी मदद के लिए आगे आ रहे हैं। ऐसी ही मदद की, आंध्रप्रदेश की विजयवाड़ा की एसपी बी राजा कुमारी ने उन्होंने एक फोन कॉल पर रात के 12 बजे प्रवासी महिला मजदूरों को अपने हाथ से खाना बनाकर खिलाया। उनके इस हौसले की हर तरफ तारीफ हो रही है।
नई दिल्ली। कई प्रवासी मजदूर पैदल ही अपने घर जा रहे हैं। इनमें से ही कुछ महिलाएं नेल्लोर जिले से विजयनगरम जा रही थीं। विजयनगरम आंध्र प्रदेश राज्य का एक शहर है। ये महिलाएं भूखीं थीं। उनके पास खाने के लिए कुछ नहीं था। इन्होंने मदद के लिए विजयनगरम जिले की एसपी बी राजा कुमारी को कॉल किया। तब एसपी ने रात के 12 बजे उन महिलाओं के लिए घर में लेमन राइस (एक तरह का चावल) बनाया और उनके खाने का इंतजाम किया।
अनजान नंबर से आया फोन
एसपी ने बताया कि रात के 12 बजे अनजान नंबर से मेरे पास फोन आया। फोन करने वाली महिला ने बताया कि वह लोग एक-दो दिन से पैदल चल रही हैं लेकिन खाने के लिए रास्ते में कुछ नहीं मिला। इस समय वे चेक पोस्ट पर हैं। 11 लोग नेल्लोर से विजयनगरम चेक पोस्ट तक आए और 7 लोग सिक्काकुलम से आएं हैं। इसके बाद मैंने अपने ऑफिसर्स को कॉल किया। उनसे पूछा कि कुछ खाने को मिलेगा? तो वह बोले कि रात के समय तो कुछ नहीं मिलेगा, पर वह ब्रेड के लिए ट्राई कर सकते हैं।
लगा रात में खाने को कुछ नहीं मिलेगा
एसपी ने बताया कि मुझे लगा कि इस वक्त ब्रेड भी नहीं मिलेगा फिर मैंने घर में लेमन राइस (चावल) बनाया और चेकपोस्ट पर लेकर गई लेकिन 7 महिलाएं जा चुकी थीं। बाकी की 11 महिलाएं लेंडी कॉलेज में बने क्वारंटीन सेंटर पहुंच गई थीं। हमने वहां खाना पहुंचाया। इसके बाद उन लोगों ने खाना खाया, फिर मैं भोर में तीन-चार बजे घर गई।
एक गांव वाले ने दिया था नंबर, कहा था मदद चाहिए तो इस नंबर पर फोन करना
एसपी से जब पूछा कि उन महिलाओं को आपका फोन नंबर कहां से मिला? तब बी राजा कुमारी ने बताया कि गांव के ही किसी व्यक्ति ने उनका नंबर यह बोलकर दिया था कि अगर कोई मदद चाहिए हो तो इस नंबर पर कॉल कर देना। उन महिलाओं ने खाने की मदद मांगने के लिए कॉल किया। एसपी ने बताया कि उन महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी थे। उनके लिए भी महिलाएं खाने का इंतजाम नहीं कर पा रही थीं, क्योंकि जितना पैसा था वो सब खर्च हो गया था। मैंने उन महिलाओं को 14 दिन क्वारंटीन में रहने की सलाह दी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.