सोनिया नारंग पर कर्नाटक के लोगों को पूरा भरोसा है। प्रदेश के लोग एक बार सीबीआई की जांच पर तो सवाल उठा सकते हैं, लेकिन नारंग की जांच पर नहीं। कर्नाटका के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने 16 करोड़ रुपये के खदान घोटाले में आईपीएस सोनिया का नाम भी उछाला था। इसके बाद सोनिया ने मुख्यमंत्री के आरोपों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और खुलकर विरोध में सामने आ गईं। उन्होंने सीएम को किसी भी तरह की जांच कराने की चुनौती तक दे डाली थी।
नई दिल्ली। काम को लेकर ईमानदार अफसर अपने फर्ज के आड़े किसी को नहीं आने देते। इससे उन्हें फर्क नहीं पड़ता कि गलत करने वाला कौन है। ऐसी ही ईमानदार पुलिस अफसर हैं आईपीएस सोनिया नारंग। उनकी साफगोई का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि जब लोकायुक्त वाई भास्कर राव के बेटे और रिश्तेदारों पर वसूली का आरोप लगा तो इसकी निष्पक्ष जांच के लिए उन्हें याद किया गया। यह बात सब अच्छे से जानते हैं कि वह किसी के सामने झुकने वाली नहीं है। वह दूध का दूध और पानी को पानी करके ही मानेंगी। सोनिया नारंग पर कर्नाटक के लोगों को भी पूरा भरोसा है। प्रदेश के लोग एक बार सीबीआई की जांच पर तो सवाल उठा सकते हैं, लेकिन नारंग की जांच पर नहीं।
भाजपा नेता को थप्पड़ जड़ आईं चर्चा में
सोनिया नारंग वैसे तो अपने कामों की वजह से हमेशा ही स्थानीय मीडिया की सुर्खियों में रहती हैं। लेकिन साल 2006 में उन्होंने कुछ ऐसा किया कि वह अचानक पूरे देश में चर्चा में आ गईं। उस समय सोनिया देवनगिरि जिले की एसपी थीं। उन्हें यहां चार्ज संभाले कुछ समय ही हुआ था कि एक कार्यक्रम के दौरान कांग्रेस और भाजपा के 2 कद्दावर नेता आपस में भिड़ गए। मामले की जानकारी होने पर सोनिया मौके पर पहुंचीं तो भाजपा नेता रेनुकाचार्य उनसे उलझ पड़े। अभद्रता करनी शुरू कर दी। फिर क्या था सोनिया ने उन्हें सबक सीखाने के लिए सरेआम थप्पड़ जड़ दिया। इसे लेकर कई दिनों तक हंगामा भी चला, लेकिन सोनिया पीछे नहीं हटीं। बाद में यही नेता (रेनुका) मंत्री भी बने थे। नारंग अपनी 13 साल की नौकरी में कर्नाटक के कई बड़े शहरों में तैनात रहीं। इस दौरान वह जहां भी गईं, अपराधियों को भागने पर मजबूर कर दिया। उन्हें कई बार सम्मान मिल चुका है।
मुख्यमंत्री के आगे भी नहीं झुकीं, घोटाले में घसीटा था नाम
कर्नाटका के मुख्यमंत्री सिद्दारमैया ने 16 करोड़ रुपये के खदान घोटाले में आईपीएस सोनिया का नाम भी उछाला था। इसके बाद प्रदेश के राजनीतिक और प्रशासनिक गलियारे में हड़कंप मच गया। सीएम ने विधानसभा में घोटाले से जुड़े अधिकारियों के नाम उजागर करने के दौरान इनमें सोनिया नारंग के शामिल होने का दावा भी किया था। इस घटना के बाद सोनिया ने मुख्यमंत्री के आरोपों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया और खुलकर विरोध में सामने आ गईं। उन्होंने सीएम को चुनौती देते हुए कहा, मेरी अंतरात्मा साफ है, आप चाहें तो किसी भी तरह की जांच करा लें, मैं अपने ऊपर लगे सभी आरोपों को सिरे से खारिज करती हूं। साथ ही कहा- मैं इन आरोपों के खिलाफ जितनी भी लंबी चले कानूनी लड़ाई लड़ने को तैयार हूं। सोनिया ने उस वक्त मुख्यमंत्री सिद्दारमैया से भी दो-दो हाथ करने के लिए कमर कस ली थी। हालांकि बाद भी इस मामले में सोनिया नारंग को क्लीन चिट मिल गई थी।
कौन हैं सोनिया नारंग
सोनिया नारंग 2002 बैच की कर्नाटक की चर्चित आईपीएस अधिकारी हैं जो अपने फौलादी हौसले और काम के लिए जानी जाती हैं। सोनिया ने पंजाब युनिवर्सिटी से समाजशास्त्र विषय में 1999 में गोल्ड मेडल भी हासिल किया है। सोनिया के पिता भी भारतीय प्रशासनिक सेवा के वरिष्ठ अफसर रह चुके हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.