जालधंर की कुसुम ने लुटेरों का न केवल मुकाबला किया, बल्कि उनको सबक भी सिखाया। इस बच्ची की हिम्मत वाकई काबिले तारीफ है।
जालंधर। हौंसले के आगे परेशानी भी पीछे हट जाती हैं। पंजाब के जालंधर में आठवीं में पढ़ने वाली 15 साल की कुसुम के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। वह ट्यूशन पढ़ने के लिए घर से निकलकर पैदल जा रही थीं, इसी बीच घर से ही उनके पीछे बाइक सवार बदमाश लग गए। सुनसान सड़क पर पीछे से आए बाइक सवार बदमाशों ने उनका मोबाइल छीन लिया। घटना को अंजाम देने के बाद बदमाशों ने भागने की कोशिश की। बदमाशों को भागता देख कुसुम उनसे भिड़ गईं और उनको अच्छा सबक सिखाया।
बदमाशों को पुलिस को सौंपा
कुसुम ने बदमाशों का डटकर मुकाबला किया और उन्हें मौके से भागने भी नहीं दिया। जब तक बदमाशों की हिम्मत जवाब नहीं दे गई। बदमाशों ने उनपर धारदार हथियार से वार भी किया, लेकिन कुसुम पीछे नहीं हटीं और आखिर में लोगों के एकत्र होने पर कुसुम ने बदमाशों को पुलिस को सौंप दिया। बदमाशों से भिड़ने का उनका वीडियो सोशल मीडिया पर खूबर वायरल हुआ था।
भाग रहे बदमाशों का पीछा किया कुसुम ने
जब बदमाश कुसुम का मोबाइल छीनकर भागने लगे थे, तो कुसुम ने उनके पीछे दौड़ लगा दी और बाइक से खींचकर उनको गिरा किया। भिंडत के दौरान लोग जमा हो गए तो बदमाश काबू में कर लिए गए। कुसुम का कहना है कि हमें कभी डरना नहीं चाहिए।
पिता मजदूर मां घरों में करती हैं काम
कुसुम के पिता मजदूर हैं। घर का खर्चा चलाने और बच्चों को बेहतर शिक्षा और सुविधा देने के लिए उनकी मां घरों में सहायक के तौर पर काम करती हैं। कुसुम एक पुलिस ऑफिसर बनना चाहती हैं। जब इस घटना का पता उनके पिता को चला तो उन्होंने कुसुम की खूब तारीफ की। कुसुम की बहादुरी को सम्मान डिप्टी कमिश्नर घनश्याम थोरी ने उन्हें 51 हजार का एलान भी किया है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.