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उम्र 87 साल लेकिन हौसला कम नहीं

Published - Fri 03, Jul 2020

जम्मू कश्मीर के ऊधमपुर के बादली नाम के गांव में रहने वाली 87 साल की बुजुर्ग राखी ने अपने हाथों से टॉयलेट तैयार किया है। खुद ईंट और गारे की चिनाई से बनाया हुआ उनका टॉयलेट लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है और लोग खुले में शौच से तौबा कर रहे हैं।

rakhi

जम्मू। जिन के हौसलों में दम होता है उनके लिये उम्र या समाज की बेड़ियां मायने नहीं रखती। ये लाइन जम्मू कश्मीर के ऊधम सिंहनगर के बादली गांव की बुजुर्ग महिला राखी पर सटीक बैठती हैं। राखी इतनी अधिक उम्र में भी कुछ नया करने का प्रयास करती रहती हैं। 87साल की राखी देवी मिट्टी और गारे से सने हाथों से खुद ईट-पत्थर से दीवारें खड़ी कर अपने घर में शौचालय बनाया है। उनका उद्देश्य अपने गांव को खुले में शौचमुक्त कराना है।

स्वच्छता अभियान से मिली थी प्रेरणा
बुजुर्ग राखी को टॉयलेट बनाने की प्रेरणा जिला प्रशासन के स्वच्छ भारत अभियान के कैंप से मिली। इस कैंप का मकसद ग्रामीणों को खुले में शौच से होने वाले नुकसान के बारे में जागरुक करना था। राखी ने भी कैंप में भाग लिया और चीजो को समझा। इसके बाद उन्होंने निर्णय लिया कि वो अपना टॉयलेट बनाएंगी। राखी देवी ने घर के पास अपनी जमीन में लगी फसल को अप्रैल के पहले सप्ताह में कच्ची अवस्था में ही काट कर ट्विन लीच पिट शौचालय बनाने के लिए गड्ढे खोदे। खुद दीवार की चिनाई की और बेटों की मदद से टॉयलेट की छत आदि डालकर अपना खुद का शौचालय बना लिया।

गांव के लोगों को करती हैं जागरुक
राखी का कहना है कि खुले में शौच से कई तरह की बीमारियां पैदा होती हैं। जब मुझे इसके बारे में पता चला तो मैंने खुले में शौच न करने का निर्णय लिया, लेकिन उस समय मेरे पास इतने पैसे नहीं थे कि मैं टॉयलेट बनवा सकूं तो मैंने इसे खुद बनाने का निर्णय लिया। बेटे में टॉयलेट बनाने के लिए मसाला तैयार किया और मैंने मिस्त्री की भूमिका अदा की और टॉयलेट तैयार कर डाला। वो गांव के लोगों को भी कहती हैं कि खुले में शौच न करें, वरना आप बीमार हो सकते हैं।