सड़क हादसे में पति के दोनों पैर टूटने के बाद ज्योति पति पीठ पर बैठाकर हर काम करती है। उनके जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है।
नई दिल्ली। कोरोना वायरस के कारण सबसे ज्यादा दिक्कत उन मजदूरों को हो रही है जो रोज कमाते और रोज खाते हैं। ऐसे में कई दर्दनाक तस्वीरें हमारे सामने आ चुकी हैं। ऐसे ही एक मजदूर की पत्नी की तस्वीर उत्तर प्रदेश के कानपुर से सामने आई है जो अपनी पति को पीठ पर लादकर यूपी से महाराष्ट्र तक ले गई।
हादसे में टूटे पति के पैर तो पत्नी ज्योति बनी सहारा
दरअसल दीपक कानपुर में एक बिजली के ठेकेदार के साथ काम करते थे। डेढ़ महीने पहले एक एक्सीडेंट में दीपक के दोनों पैर टूट गए थे और वहीं ठीक से चल नहीं पा रहे थे। अब उसका प्लास्टर हट चुका है लेकिन दर्द की वजह से उसे चलने में दिक्कत होती है। ऐसे में दीपक का सारा काम उसकी पत्नी ज्योति करती है।
पीठ पर बैठाकर स्टेशन तक ले गई और ट्रेन में चढ़ाया
वह महाराष्ट्र के जलगांव के रहने वाले हैं। कोरोना वायरस के कारण वह दोनों कानपुर से अपने गांव लौट रहे थे तो दीपक को चलने में दिक्कत हो रही थी तो ऐसे में ज्योति ने एक तरकीब निकाली, वह दीपक को अपनी पीठ पर बैठाकर स्टेशन तक गई और फिर उसे ट्रेन में चढ़ाया। उसके इस जज्बे को हर कोई स्टेशन पर खड़े होकर देख रहा था। दीपक ने बताया कि जब से हादसा हुआ है ज्योति ही सारा काम करती है। जब भी कहीं जाना होता तो ज्योति दीपक को पीठ पर बैठाकर ले जाती। इस प्रकार वह अपने पति को यूपी से महाराष्ट्र तक लेकर जा चुकी है। दोनों हाल ही में पुष्पक एक्सप्रेस से मुंबई के लिए रवाना हो गए। ज्योति के अनुसार वह अपने पति को ऐसे ही सही सलामत घर पहुंचा देगी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.