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शौचालय बनाने वाली कलावती बन गईं राज मिस्त्रियों की ट्रेनर

Published - Thu 12, Mar 2020

महिला दिवस पर नारी शक्ति पुरस्कार पाने वाली कलावती दो हजार राज मिस्त्रियों को कर चुकी हैं प्रशिक्षित, खुले में शौच के खिलाफ लड़ी जंग, राजापुरवा, राखी मंडी क्षेत्र में बनाए सामुदायिक शौचालय

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खुले में शौच के खिलाफ अभूतपूर्व योगदान के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नारी शक्ति पुरस्कार पाने वाली कलावती अब राज मिस्त्रियों के ट्रेनर के रूप में पहचान बना चुकी हैं। शौचालय बनाने के लिए वे करीब 2000 राज मिस्त्रियों को प्रशिक्षित कर चुकी हैं। जेके टेंपल के पास राजापुरवा में रहने वाली कलावती ने क्षेत्र में 55 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया है। इसमें उनका साथ श्रमिकों के कल्याण के लिए काम करने वाली संस्था श्रमिक भारती ने दिया।
पति के निधन के बाद राज मिस्त्री के रूप में जब वे लोगों के सामने आईं तो उनका मजाक उड़ाया जाता था। उन्होंने सबसे पहले ऐसे लोगों के लिए चिंता जाहिर की, जो बस्तियों में रहते हैं और खुले में शौच के अलावा कोई रास्ता नहीं था। इनमें रिक्शा चालक, मजदूर तबके  के लोग ज्यादा थे। कलावती बताती हैं कि जब सुबह-सुबह महिलाएं और पुरुष राजापुरवा क्षेत्र के एक तालाब के किनारे खुले में शौच को जाते थे तो उन्हें देखकर बहुत कष्ट होता था। श्रमिक भारती ने 55 सामुदायिक शौचालय बनाने की जब योजना बनाई तो इसके लिए राजमिस्त्री के रूप में उन्हें जिम्मेदारी दी गई। राजापुरवा के बाद उन्होंने जूही क्षेत्र स्थित राखी मंडी का रुख किया। यहां भी बस्ती के लोगों के लिए कोई शौचालय नहीं था। उन्होंने मुहिम चलाई और 40 से अधिक सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कराया। राज मिस्त्रियों को प्रशिक्षण भी दिया।

नुक्कड़ नाटक से किया जागरूक
कलावती ने न केवल शौचालय बनाए बल्कि इसके उपयोग के लिए घर-घर जाकर लोगों से मिलीं। नुक्कड़ नाटक किया और प्रभात फेरी भी निकाली। लगातार उनका कुनबा बढ़ता चला गया।

वाटर एड के साथ भी किया काम
श्रमिक भारती के अलावा शौचालय निर्माण के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था वाटर एड के साथ भी कलावती ने काम किया। श्रमिक भारती और वाटर एड से जुड़े अमिताभ बताते हैं कि कलावती दृढ़ इच्छा शक्ति वाली महिला हैं, वे काम के प्रति हमेशा वफादार रहीं। अमिताभ ने बताया कि जिस समय उनके पति का निधन हुआ, तब भी वे एक बस्ती में शौचालय का निर्माण कर रहीं थी। निर्माण कार्य पूरा होने के बाद उन्होंने ही वहां के लोगों को इसकी जानकारी दी।

पीएम मोदी भी हुए प्रभावित
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आठ मार्च को जब दिल्ली में नारी शक्ति पुरस्कार प्राप्त महिलाओं से मिल रहे थे तो कलावती की कहानी सुनकर वे काफी प्रभावित हुए। उन्होंने कलावती से मिलकर काफी बातें की।