हतक की जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर बाल विवाह रोकने के लिए जीतोड़ मेहनत करती हैं। हरियाणा में उनकी गिनती काबिल अधिकारियों में होती है। अब तक कई बार वो सम्मानित भी हो चुकी हैं।
नई दिल्ली। आज भी देश में ऐसी कई कुप्रथाएं हैं, जो निरंतर चलती आ रही हैं। खासकर देश के कई हिस्सो में आज भी बाल विवाह बदरस्तूर जारी है। खासकर देश के कई इलाकों में गरीबी के चलते लोग बेटियों को बोझ समझने लगते हैं और जल्द से जल्द उनके हाथ पीले करना चाहते हैं और करते भी हैं, लेकिन कम उम्र में बेटियों की शादी करना एक बड़ा अपराध है। हरियाणा भी एक ऐसा ही राज्य है, जहां बेटियों की कम उम्र में शादी करना जारी है। इसी हरियाणा के सोनीपत में तैनात एक अधिकारी जिला संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी करमिंद्र कौर बाल विवाह को रोकने के लिए पूरी जी-जान से लगी हैं और अब तक कई बाल विवाह रुकवा भी चुकी हैं और लोगों को समझाती हैं कि बेटियों का कम उम्र में विवाह मत कीजिए, इससे उनके जीवन को खतरा है। करमिंद्र कौर को मेहनत और लगन के कारण कई अवार्ड भी मिल चुके हैं।
हरियाणा के सीएम से पाया सम्मान
बाल विवाह को रुकवाने में अग्रणी भूमिका निभा रहीं करमिंद्र कौर को हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर द्वारा अवार्ड दिया जा चुका है। वहीं कई अन्य संस्थाएं भी करिमंद्र कौर को सम्मनित कर चुकी हैं।
समाज के साथ रहती हैं करमिंद्र
करमिंद्र कौर किसी अधिकारी की तरह नहीं आम मानस की तरह लोगों से मेलमिलाप और व्यवहार रखती हैं और लोगों को समझाती हैं कि बाल विवाह समझदारी नहीं है। व शिक्षा क्षेत्र स्वयंसेवी संगठनों, सामाजिक संगठनों आदि के साथ मिलकर लोगों को समझाती हैं और सलाह देती हैं कि न तो बाल विवाह करें न होने दें। बेटियां बढ़ेंगी, तभी समाज में सुधार आएगा।
पंचायतों की लेती हैं मदद
करमिंद्र अपने काम को सही तरीके से पूरा करने के लिए समाज के हर वर्ग से मदद लेती और देती हैं। हरियाणा में बाल विवाह को रोकने के लिए उन्होंने पंचायतों ,नंबरदारों की मदद ली है। यहां तक स्थानीय नेताओं, मंदिर के पुजारियों आदि से भी बाल विवाह रोकने के लिए मदद लेती हैं।
चलाती हैं जागरुकता अभियान
करमिंद्र कौर बाल विवाह को रोकने लिए बालिकाओं के विद्यालयों में जाती हैं, बेटियों को उनके अधिकार बताती हैं। गांव देहातों में चौपाल लगाती हैं और बाल विवाह के प्रति लोगों को जागरुक करती हैं। इसके साथ वो जिले के सामुदायिक केंद्र, बैंक्वेट हॉल, मैरिज पैलेस, प्रिंटिंग प्रेस संचालकों से भी मदद लेती हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.