दिल्ली की दिव्या शर्मा, यूपी की शुभांगी और बिहार की शिवांगी की जोड़ी अब देश की रक्षा की जिम्मेदारी निभाएंगी। देश की इन पहली नौसेना की तीन महिला पायलटों को डोर्नियर विमान से समुद्र की निगरानी मिशन के लिए दक्षिण नौसेना कमान में तैनात किया गया है।
नई दिल्ली। अक्सर बेटियों को बेटों से कम आंका जाता है, लेकिन आज की बेटियां किसी से कम नहीं हैं। कई बार तो बेटियों को आगे बढ़ने ही नहीं दिया जाता। लेकिन जब बेटियां आगे बढ़ती हैं, तो सब पीछे छूट जाते हैं। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है नौसेना की देश की पहली तीन महिला पायलटों ने। दिल्ली की लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा, यूपी की लेफ्टिनेंट शुभांगी स्वरूप और बिहार की लेफ्टिनेंट शिवांगी ने दिखा दिया है कि बेटियां घर को संभालने के साथ-साथ देश की रक्षा करने का भी दम रखती हैं। तीनों को समुद्र की निगरानी के लिए तैनात किया गया है। भारतीय नौसेना की पहली तीन महिला पायलट डोर्नियर विमान से समुद्र की निगरानी मिशन के लिए तैयार हैं। रक्षा प्रवक्ता ने बताया कि लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा, लेफ्टिनेंट शुभांगी स्वरूप और लेफ्टिनेंट शिवांगी को यह जिम्मेदारी दी गई है। इन्हें दक्षिणी नौसेना कमान पर तैनात किया गया है। इनमें दिव्या दिल्ली के मालवीय नगर, शुभांगी यूपी के तिलहर और शिवांगी बिहार के मुजफ्फरपुर की रहने वाली हैं।
छह पायलटों के समूह में हैं शामिल
नौसेना की ये तीनों महिला पायलट उन छह पायलटों के समूह में शामिल हैं जिन्हें 27वीं डोर्नियर ऑपरेशनल फ्लाइंग ट्रेनिंग दी गई। 23 अक्तूबर को आईएनएस गरुड़ पर हुई पासिंग आउट सेरेमनी में ये सभी छह पायलट ग्रेजुएट हुए हैं। इस दौरान दक्षिणी कमान के चीफ स्टाफ ऑफिसर (प्रशिक्षण) रियर एडमिरल एंटनी जॉर्ज मुख्य अतिथि रहे। इन सभी पायलटों को वायुसेना व नौसेना का संयुक्त प्रशिक्षण दिया गया। दक्षिणी कमान में तैनात की गई तीनों महिला पायलटों में से लेफ्टिनेंट शिवांगी ने सबसे पहले 2 दिसंबर 2019 को पायलट के तौर पर क्वालिफाई किया। अगले 15 दिन के बाद लेफ्टिनेंट दिव्या शर्मा व लेफ्टिनेंट शुभांगी स्वरूप भी पायलट बन गई।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.