इस कोरोना काल में हर कोई अपने फर्ज को शिद्दत से निभा रहा है। इसी कोरोना योद्धा में शामिल हैं, सहारनपुर की आशा वर्कर किरन सैनी। जो न केवल अपनी छोटी बच्ची को पड़ोस में छोड़कर अपनी ड्यूटी निभा रही हैं बल्कि अपने पति की मौत के बाद घर की जिम्मेदारियों को भी बखूबी निभा रही हैं।
नई दिल्ली। कोरोना संकट की इस घड़ी में छुटमलपुर (सहारनपुर) के आर्य नगर की आशा वर्कर किरन सैनी कोरोना फाइटर के रुप में सामने आई है। सात माह पूर्व बीमारी से उनके पति वेदप्रकाश की मौत हो गई। इसके बाद उनके ऊपर घर की पूरी जिम्मेदारी आ गई। ऐसे में जब कोरोना की जंग शुरू हुई, तब भी उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी एक साल की बेटी है। उसके बावजूद वह अपनी ड्यूटी बखूबी निभा रही हैं।
नहीं हैं सास-ससुर भी
किरन अपनी एक साल की दूधमुंही बेटी अन्नु के साथ किराए के मकान में रहती हैं। उनके सास, ससुर भी नहीं हैं। एक माह से कोरोना संकट के चलते घर-घर जाकर सर्वे करने का काम उन्हें मिला हुआ है। सुबह आठ बजे बेटी को दूध पिलाकर वह उसे पड़ोसियों के पास छोड़ देती हैं और उसके बाद अपने फर्ज को निभाने के लिए निकल पड़ती हैं। काम करने के बाद वह शाम चार बजे तक ही घर आ पाती हैं।
पड़ोसी संभालते हैं बच्चा
उनकी ड्यूटी के दौरान बच्ची को उनके पड़ोस में रहने वाली एक बुजुर्ग महिला संभालती है। किरन बताती हैं कि कई बार उन्हें सर्वे के दौरान लोगों के दुर्व्यवहार का शिकार होना पड़ता है। कई बार लोग जानकारी देने से साफ मना कर देते हैं। कई लोग तो अपने घर का दरवाजा तक नहीं खोलते हैं, फिर भी वह पूरे जज्बे के साथ अपने काम को अंजाम दे रही हैं। वह कहती हैं फील्ड में कोरोना की वजह से डर भी लगता है, बच्चा भी छोटा है लेकिन फर्ज के आगे यह बातें ज्यादा मायने नहीं रखतीं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.