30 साल की उम्र तक किरण को बॉडी बिल्डिंग से कोई मतलब ही नहीं था। वह सिर्फ घर के काम-काजों में उलझी रहती थी। लेकिन 30 साल की उम्र में उन्हें एक बीमारी हुई और वजन काफी बढ़ गया। इसे कम करने की उन्होंने ठान ली और वह कर दिखाया जो नामुंकिन सा लगता है।
कभी आम भारतीय नारी की तरह हाउस वाइफ की जिंदगी जीने वाली किरण देंबला आज फेमस बॉडी बिल्डर बन चुकी हैं। एक हाउस वाइफ के साथ दो बच्चों की मां के लिए यह मुकाम हासिल करना इतना भी आसान नहीं था। आप उनकी मेहनत को इस तरह समझ सकते हैं कि 30 साल की उम्र तक उन्हें बॉडी बिल्डिंग से कोई मतलब ही नहीं था। वह सिर्फ घर के काम-काजों में उलझी रहती थी। लेकिन 30 साल की उम्र में उन्हें एक बीमारी हुई और वजन काफी बढ़ गया। इसे कम करने की उन्होंने ठान ली और वह कर दिखाया जो नामुंकिन सा लगता है। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वजन जितनी आसानी से बढ़ जाता है उसे घटाना उतना ही मुश्किल काम है। खासकर भारतीय महिलाएं जो अपनी फिटनेस पर इतना गौर नहीं करती हैं। लेकिन किरण देंबला ने इस चुनौती को स्वीकार किया और आज ना सिर्फ देश की सफल महिला बॉडी बिल्डर हैं बल्कि कई फिल्मी सितारों को बॉडी बिल्डिंग के टिप्स भी दे रही हैं। किरण आज फेमस सेलिब्रिटी बन चुकी है। बॉडी बिल्डिंग के अलावा भी किरण के कई शौक हैं। वह एक फेमस, पर्वतारोही, मॉटिवेशनल स्पीकर, फोटोग्रॉफर भी हैं। किरण हैदराबाद में रहती हैं और साउथ सुपरस्टार्स कई सुपरस्टार को फिटनेस टिप्स देती है। जिनमें एक्ट्रेस तमन्ना भाटिया, अनुष्का शेट्टी, बाहुबली के डायरेक्टर राजामौली शामिल हैं।
शादी के बाद शिफ्ट हुई हैदराबाद
आगरा की रहने वाली किरण शादी के बाद अपने पति के साथ हैदराबाद शिफ्ट हो गईं। वह अपने परिवार के साथ हंसी-खुशी से जिंदगी जी रही थीं। इस दौरान वह दो बच्चों की मां भी बनीं। जब वह 30 साल की थी तब उनके ब्रेन में ब्लड क्लॉट नाम की बीमारी हो गई। हालांकि यह बीमारी इजाज से ठीक हो गई। लेकिन इस दौरान स्ट्रेस और दवा के चलते उनका वजन 75 किलोग्राम हो गया। यह बढ़ा हुआ वजन उन्हें और स्ट्रेस देने लगा और किरण ने ठान लिया कि वजन तो कम करना ही है। लेकिन घर की चारदीवारी में घिरी रहने वाली किरण के लिए घर से बाहर निकलकर योगा व जिम जाना बड़ी चुनौती थी। घर से बारह निकलने की उनकी हिम्मत नहीं होती रही थी। लेकिन उन्होंने तो ठान लिया था कि वजन तो कम करना है उसके लिए कुछ भी करना पड़े। 2007 में किरण जिम और योगा क्लासेज जाने लगी। इस दौरान उन्होंने इतनी कड़ी मेहनत की 6 से 7 महीने के अंदर ही उन्होंने 25 किलो वजन कम लिया।
घर से निकलना मुश्किल था
किरण के अनुसार, भारत में हर महिला को अपने पति पर ही निर्भर रहना पड़ता है। हर छोटा-बड़ा काम के उनसे पूछ कर ही करना होता है। हालांकि आज थोड़ा सा इन चीजों में सुधार आया लेकिन आज भी न के बराबर ही है। यही सोच मुझे हमेशा मुझे परेशान करती थी।
वह कहती हैं, बढ़ा हुआ वजन हमें हमेशा मानसिक रूप से परेशान करता था। इसलिए अपने कंफर्ट जोन से बाहर निकलना जरूरी हो गया। धीरे-धीरे मैने घर से बाहर निकलना शुरू किया। शुरू में तो अजीब लगा लेकिन बाद में आदत बन गई। सबसे पहले मैने योगा क्लासेज ज्वाइन किया। योग के लिए ही मैंने घर से बाहर निकलना शुरू किया उसके बाद मैं स्वीमिंग करने लगी। उसी दौरान मुझे जिम का नशा होने लगा। ये बिल्कुल ड्रग की तरह था, जो एक बार चढ़ जाए तो छूटने का नाम नहीं लेता।
खुद खोल दिया जिम
जब किरण एकदम फिट हो गई तब हैदराबाद में ही फिटनेस ट्रेनर का कोर्स करने लगी। कोर्स पूरा हाते ही उन्होंने खुद का एक जिम खेल दिया। फिटनेस और बॉडी बिल्डिंग के क्षेत्र में किरण के लिए यह एक शुरुआत थी। और आज वह बड़े-बड़े स्टार को फिटनेस टिप्स दे रही हैं।
विश्व बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में मिला छठा स्थान
किरण ने साल 2013 में विश्व बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में भी हिस्सा लिया और छठी रैंक हासिल की। लेकिन इसमें हिस्सा लेने के लिए उन्हें पहले अपने परिवार से उन्हें लड़ाई लड़नी पड़ी। उनके पति ने इस चैंपियनशिप में हिस्सा लेने से तो सीधे तौर पर मना कर दिया था। लेकिन उनके जिद और जुनून को तो आप समझ ही सकते हैं। उन्होंने ने भी पति को सीधे तौर पर बोल दिया कि मैं हिस्सा ले रही हूं मतलब ले रही हूं। वह कहती हैं कि यह पहला मौका था जब मैंने इस तरह से अपनी जुबान खोली। उनके पति को भी उनके सामने हार माननी पड़ी। साल 2013 में विश्व बॉडी बिल्डिंग चैंपियनशिप में किरण ने भारत का प्रतिनिधित्व किया और छठी रैंक हासिल की। यह प्रतियोगिता बुडापेस्ट में आयोजित की गई थी। किरण का परिवार आज उन पर गर्व करता है।
परिवार की भी जिम्मेदारियां संभाल रही हैं
किरण अपने जिम के साथ-साथ अपने परिवार को भी संभाल रही है। वह सुबह 5 बजे जिम के लिए निकल जाती हैं क्योंकि बेटे को खाना खिलाने के लिए जल्दी घर लौटना होता है। किरण कहती है जब मैं जिम में लगे सीसे में अपने आप को निहारती हूं तो मुझे बहुत अच्छा लगता है। मुझे लगता क्या वाकई ये मैं ही हूं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.