केरल में फैले संक्रमण को वहां की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा तुरंत भाप लिया था। उन्होंने तुरंत वुहान में चल रही मेडिकल तैयारियों की पूरी जानकारी ली और उसी के अनुसार रणनीति बनाई। उनकी इसी सक्रियता से केरल मॉडल को सफलता मिली। वहां सफलता की मुख्य वजह रही, वहां संक्रमित मिलने से पहले तैयार किया गया बुनियादी ढांचा और तेजतर्रार निगरानी तंत्र। केके शैलजा के इस सक्रियता की हर तरफ तारीफ हो रही है।
नई दिल्ली। केरल कोरोना से संक्रमित होने वाला देश का पहला राज्य था, लेकिन उसने जिस तरह इस पर नियंत्रण पाया वह एक रोल मॉडल बना गया। यहां 30 जनवरी को पहला मरीज मिला था। लेकिन अभी तक 602 मरीज पाए गए हैं जिनमें से सिर्फ चार की मृत्यु हुई है और 497 ठीक हो चुके हैं। केरल मॉडल की सफलता की मुख्य वजह हैं वहां की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा। 63 वर्ष की शैलजा कभी प्राइमरी स्कूल की शिक्षिका थीं, आज भी उन्हें लोग शैलजा टीचर के नाम से ही पुकारते हैं। यह उनकी लगन और संकल्प का ही परिणाम है कि जिस महामारी पर अमेरिका-ब्रिटेन जैसे देश काबू नहीं पा सके उस पर उन्होंने काफी हद तक नियंत्रण पा लिया है। 3.5 करोड़ की आबादी वाले केरल से कम मामले केवल उत्तराखंड, हिमाचल, गोवा और छत्तीसगढ़ में ही हैं।
जनवरी में ही बना दी टास्क फोर्स
23 जनवरी को बैठक के बाद 24 जनवरी को कोविड-19 टास्क फोर्स का गठन किया। सभी 14 जिला मुख्यालयों पर इस टास्क फोर्स का एक केंद्र बनाया। सभी बड़े शहरों और कस्बों में विशेष कोविड-19 अस्पतालों को चिन्हित कर उन्हें जरूरी उपकरण उपलब्ध कराए। सबसे महत्वपूर्ण कार्य था प्रदेश के चारों अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डों पर विदेश से आने वाले यात्रियों के तापमान की जांच और उनकी निगरानी। जनवरी में वुहान से आने वाली उड़ान में पहला संदिग्ध यात्री मिला तो उसे अस्पताल में भर्ती करा दिया। संदिग्ध यात्रियों को उनके घरों में क्वारंटीन किया गया। यही नहीं उन्होंने लोगों में भय दूर करने के लिए मलयाली भाषा में पर्चे छाप कर गांव-गांव बंटवाए।
निपाह व इबोला का अनुभव काम आया
शैलजा को यह सफलता यूं ही नहीं मिल गई। पिछले 3 वर्षों में यह तीसरा संक्रमण है, जिससे वे जूझ रही हैं। इससे पहले 2018 में निपाह व फिर इबोला से लड़ने का उनका अनुभव इस लड़ाई में काम आया। लेकिन सबसे अधिक काम आई उनकी सजगता और सक्रियता। केरल में भले ही पहला मरीज 30 जनवरी को चिह्नित किया गया लेकिन उस से दस दिन पहले शैलजा इंटरनेट पर चीन के वुहान में फैले संक्रमण को देखकर सजग हो गई थीं। उन्होंने वुहान में चल रही मेडिकल तैयारियों की पूरी जानकारी ली और उसी के अनुसार रणनीति बनाई।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.