पुणे के बुलढाणा की लता करे के पास पति के इलाज के लिए पैसे नहीं थे, लेकिन लता ने हिम्मत नहीं हारी और नंगे पांव दौड़कर पति के लिए मैराथन जीतकर दिखा दिया कि महिलाएं किसी से कम नहीं होतीं।
पुणे। देश के इतिहास में ऐसी अनेकों कथा कहानियां मौजूद हैं, तो पति के प्रति पत्नी के समर्पण को दर्शाती हैं। लेकिन आज के समय में भी ऐसी महिलाएं मौजूद हैं, जिनका जज्बा उन्हें अन्य महिलाओं से अलग बनाता है। ऐसी ही एक महिला हैं पुणे के बुलसाणा गांव की लता मरे। 67 साल की लता ने पति के इलाज के लिए नंगे पांव मैराथन दौड़कर न सिर्फ पति का इलाज कराया बल्कि महिलाओं को बताया कि हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। बुलढाणा के बारामती तालुका के जलोची गांव की रहने वाली लता की तीन बेटियां हैं। उनकी शादी करने में ही उनकी सारी जमा पूंजी खर्च हो गई। एक बेटा था जो मजदूरी करता है। परिवार का आर्थिक परेशानियों से जूझ रहा था और इसी बीच पति ने खाट पकड़ ली। इलाज के पैसे न होने के कारण पति को सही चिकित्सा नहीं मिली और वो दिनों-दिन और बीमार होते गए। पति के लिए इलाज के लिए लता ने कुछ ऐसा करने की ठानी जिसकी कोई कल्पना भी नहीं कर सकता।
मैराथन में दौड़ने की ठानी
लताबाई के पति दिल की बीमारी से पीड़ित थे। पति को उपचार दिलाने के लिए ही लता ने इस दौड़ में भाग लेने की सोची। पहले साल तो लता मैराथन में बुरी तरह हार गईं, लेकिन उन्होंने हौसला नहीं छोड़ा और दूसरे साल के लिए तैयारी करनी लगीं। इस रेस का आयोजन पुणे में एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार के जन्मदिन के मौके पर किया जाता है। इस दौड़ को जीतकर लता को पांच हजार रुपये मिलने थे। आखिर दूसरे साल लता ने 2014 में वरिष्ठ नागरिक की श्रेणी में पहला स्थान प्राप्त किया और 3 किमी की दौड़ को जीता। 2015 में भी वो ये रेस जीतीं। इसके वो नंगे पांव दौड़ी, जिससे जीतकर जीत का पैसा वो पति की बीमारी पर लगा सकें।
मीडिया में आया नाम तो मिली मदद
मैराथन में जब उनके दौड़ने के कारण और जीत की खबर मीडिया में आई तो उनकी मदद के लिए कई हाथ आगे बढ़े और मदद की। लता ने आर्थिक मदद के स्थान पर काम देने की मांग की। उनका नाम इसलिए भी चर्चा में रहा क्योंकि जब मैराथन में लोग जूते और ट्रैक सूट पहनकर दौड़े थे, तो वो नंगे पांव साड़ी पहनकर दौड़ी थीं। पहली बार वो पति के इलाज के लिए तो दूसरी बार परिवार के लिए पैसा जुटाने के लिए दौड़ी थीं।
बनेगी उसके जीवन पर फिल्म
पति के इलाज के लिए नंगे पांव मैराथन में दौड़ने वाली लता करे के जीवन पर मराठी में एक फिल्म भी बन रही है। इस फिल्म की शूटिंग लगभग पूरी भी हो चुकी ळै। इसका निर्देशन देशबोइना ने किया है। फिल्म की शूटिंग भी उनके गांव में ही पूरी की गई है। जल्द ही फिल्म् को प्रदर्शित करने की योजना भी है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.