प्रीति ने देश का एक ऐसा पहला वर्चुअल स्कूल खोला है, जो शिक्षा का एकदम नया मॉडल है। इसके जरिए वो बच्चों को उनकी रुचि के अनुरूप निशुल्क शिक्षा दे रही हैं।
वाराणसी। कोरोना काल ने जहां बच्चों को स्कूल से दूर कर दिया है, वहीं बनारस की प्रीति ने घर-घर शिक्षा का उजियारा फैलाने का बीड़ा उठाया है। दावा है कि प्रीती बनर्जी ने अपनी संस्था लिटिल अंब्रेला फाउंडेशन के जरिए बच्चों को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए देश का पहला वर्चुअल स्कूल स्थापित किया है। इस स्कूल से दिल्ली, यूपी, उत्तराखंड, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल के 1000 से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। वर्चुअल क्लास में पहली से लेकर दसवीं तक के विद्यार्थी शामिल हैं।
प्रीति ने बताया कि वह अनाथालयों में भी अपनी वर्चुअल कक्षाओं का संचालन कर रही हैं। फाउंडेशन की ओर से अनाथालयों में बच्चों को लैपटॉप और इंटरनेट कनेक्शन भी उपलब्ध कराया गया है। बच्चों को निशुल्क बेहतर शिक्षा दिलाने का लक्ष्य पूर्ण हो रहा है। हमारा प्रयास है कि देश का यह वर्चुअल विद्यालय देश के हर राज्य, जिले और गांव-गांव तक पहुंचे। बच्चों को सीबीएसई बोर्ड द्वारा निर्धारित पाठ्यक्रम की पढ़ाया जा रहा है।
रुचि के अनुसार भी मिलती है शिक्षा
प्रीति ने बताया कि उनकी संस्था बच्चों को उनकी रुचि के अनुसार शिक्षा देने का प्रयास कर रही है। जो बच्चे नृत्य, गायन, कला, योग में रुचि रखते हैं उनको उसी हिसाब से प्रशिक्षित किया जाता है। सौ से अधिक युवाओं की टोली साथ काम कर रही है।
अभिभावक और बच्चों के अनुसार है समय
बनारस के ही शिक्षकों की टीम बच्चों को पढ़ाती है। अध्यापन का समय अभिभावक और बच्चों की सुविधा के हिसाब से शाम को रखा गया है। वहीं महाराष्ट्र के बच्चों को उनके राज्य बोर्ड के अनुसार शिक्षा देने के लिए स्थानीय शिक्षकों को नियुक्त किया गया है।
आप भी ले सकते हैं निशुल्क शिक्षा
प्रीति ने बताया कि पहली कक्षा से दसवीं तक का कोई भी छात्र इस वर्चुअल विद्यालय से जुड़ सकता है। गरीब, वंचित छात्रों के अलावा किसी भी वर्ग के छात्र इस वर्चुअल स्कूल में शामिल हो सकते हैं। इसके लिए लिटिल अंब्रेला फाउंडेशन के पेज पर वर्चुअल स्कूल का लिंक उपलब्ध है। इसके अलावा फेसबुक, ट्विटर के जरिए भी इस सुविधा का लाभ लिया जा सकता है।
मिल चुका है ग्लोबल च्वाइस अवार्ड
प्रीति को उनके निशुल्क वर्चुअल स्कूल के संचालन के लिए 2021 का ग्लोबल च्वाइस अवार्ड से सम्मानित किया गया है। भगवानपुर के सामान्य परिवार में जन्मी प्रीति की प्रारंभिक शिक्षा दुर्गा चरण इंटर कॉलेज से हुई। उसके बाद उन्होंने बीएचयू से प्रबंधन शास्त्र में शिक्षा ग्रहण कर नौकरी शुरू की। उन्होंने शास्त्रीय संगीत में पं. देवाशीष डे और शुकल्पा मुखर्जी से संगीत की शिक्षा ली। 2011 से प्रीति दिल्ली में फाउंडेशन के जरिए जनसेवा कर रही हैं।
कोरोना संक्रमण काल ने खोली नई राह
कोरोना संक्रमण काल के दौरान हुए लॉकडाउन ने देश के पहले वर्चुअल स्कूल की राह खोली। शोध और सर्वे करने के बाद अगस्त 2020 में इसकी शुरुआत हुई और आठ महीनों में देश के पांच राज्यों के विद्यार्थी इस मुहिम से जुड़ चुके हैं। वैश्विक महामारी के दौरान जब लोग वित्तीय संकट का सामना कर रहे थे और बच्चों की फीस भरना भी मुश्किल था तभी इस वर्चुअल विद्यालय की स्थापना की कार्ययोजना तैयार हुई।
शिक्षा मंत्रालय को भेजेंगे वर्चुअल स्कूल का प्रस्ताव
प्रीति बनर्जी ने बताया कि वर्चुअल स्कूल के इस प्रोजेक्ट को भारत सरकार और शिक्षा मंत्रालय को भेजा जाएगा। इस मॉडल को बतौर बोर्ड की तरह लागू कराने की भी योजना है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.