कोरोना महामारी के कारण अब तक दुनियाभर में लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। कई लोग इस वायरस से संक्रमित होने का पता चलते ही घबरा जाते हैं। ऐसे लोगों के लिए अमेरिका के न्यू जर्सी में रहने वालीं 105 साल की लूसिया डीक्लर्क एक मिसाल हैं। इस उम्र में भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने के बावजूद वह घबराईं नहीं। अस्पताल में इलाज कराने के बाद वह पूरी तरह स्वस्थ हो चुकी हैं। उन्हें कोविड-19 की वैक्सीन भी लग चुकी है। वह अपनी लंबी उम्र का राज किशमिश को बताती हैं।
नई दिल्ली। कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले देशों में अमेरिका भी एक है। यहां लाखों लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना महामारी जब पीक पर थी तक इसे मात देने वालों के कई किस्से आपने सुने होंगे। इनमें युवा, बच्चे और बुजुर्ग शामिल होंगे। लेकिन आज हम जिस बुजुर्ग महिला के बारे में बताने जा रहे हैं उनके जज्बे को सभी सलाम कर रहे हैं। इसका कारण है उनकी उम्र। हम बात कर रहे हैं अमेरिका के न्यू जर्सी में रहने वालीं लूसिया डीक्लर्क की। 105 साल की लूसिया डीक्लर्क कोरोना को मात देकर अपने घर लौट चुकी हैं। लूसिया काफी एक्टिव रहती हैं और इस उम्र में भी अपने ज्यादातर काम खुद ही करती हैं। वो कहती हैं, मेरी लम्बी उम्र का सीक्रेट है किशमिश और जंक फूड से दूरी। मैं रोजाना सुबह उठकर जिन में भीगी हुई 9 किशमिश खाती हूं। जिन एक तरह का ड्रिंक है।
जन्मदिन पर ही कोरोना संक्रमित होने का चला था पता
लूसिया का 105वां जन्मदिन 25 जनवरी 2020 को मनाया गया था। इसी दिन इन्हें कोरोना का संक्रमण हुआ। संक्रमण के बाद उन्होंने फाइजर वैक्सीन दोनों डोज ली और अब पूरी तरह स्वस्थ हैं। लूसिया की 53 साल की पोती शॉन लॉज कहती हैं, संक्रमित होने पर उन्हें खुद को आइसोलेट करना बिल्कुल भी पसंद नहीं था, लेकिन कोरोना का डटकर सामना किया। नतीजा, करीब दो हफ्तों के बाद उनके लक्षणों में कमी आई और वापस जिंदगी पटरी पर आने लगी।
दो विश्व युद्ध देख चुकी हैं लूसिया
लूसिया का जन्म 1916 में हवाई प्रांत में हुआ था। उनकी तीन शादियां हुईं, लेकिन बदकिस्मती से तीनों पति अब उनके साथ नहीं हैं। वो अपने सबसे बड़े बेटे के साथ रहती हैं। ग्वाटेमाला और स्पेन में रहने के बाद 90 साल की उम्र में वो न्यू जर्सी में शिफ्ट हुईं, तब ये यही उनका स्थायी ठिकाना है। उन्होंने अपने जीवन में दो विश्व युद्ध देखे हैं। आज भी उन्हें याद कर वह सिहर जाती हैं।
स्पेनिश फ्लू को भी दे चुकी हैं मात
लूसिया डीक्लर्क की पोती शॉन के मुताबिक उनकी दादी स्पेनिश फ्लू को भी हरा चुकी हैं। उनका दिमाग काफी तेज है। इस उम्र में अक्सर लोग चीजों को भूलने लगते हैं, लेकिन उनके साथ ऐसा नहीं है। उनके जहन में मेरे बचपन की वो यादें आज भी ताजा हैं जो मुझे भी याद नहीं हैं।
बेकिंग पाउडर से दांतों को करती हैं साफ
शॉन कहती हैं दादी रोज अपने हाथों से एलोविरा का जूस बनाती हैं और दांतों की सफाई के लिए बेकिंग सोडा का इस्तेमाल करती हैं। वो रास्ते में आने वाले हर रोड़े को पार करते हुए आगे बढ़ती हैं और कभी हार नहीं मानतीं। लुसिया के 78 साल के बेटे फिलिप लॉज कहते हैं, महामारी से पहले जनवरी 2020 में हम सब उनके जन्मदिन पर इकट्ठा हुए थे। अंदाजा नहीं था कि उन्हें महामारी से जूझना पड़ेगा। उन्हें वैक्सीन लगाई गई है और वो अब रिकवर हो रही हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.