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गर्भवती महिलाओं के लिए रोजाना 18 किमी नाव चलाती हैं रेलू

Published - Sun 24, Jan 2021

महाराष्ट्र की रेलू वासवे आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं और आदिवासी गर्भवती महिलाओं और बच्चों की मदद के लिए वह रोजाना 18 किलोमीटर नाव चलाकर आदिवासी गांवों तक पहुंचती हैं। रेलू उन कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए एक नजीर हैं जो पद पर होते हुए भी काम से बचते फिरते हैं।

Relu Vasave

मुंबई। देशभर में गर्भवती महिलाओं और शिशुओं को पोषाहार देने और उनको जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए आंगनबाड़ी केंद्र हैं और लाखों आंगनबाड़ी कार्यकत्री उनसे जुड़ी भी हुई हैं। लेकिन अक्सर देखने-सुनने को मिलता है कि पोषाहार को बांटने की जगह बेच दिया गया। कार्यकत्री काम सही से नहीं कर रहीं और कई बातें सुनने को मिल ही जाती हैं। लेकिन इन सबसे उलट देश में एक आगंनबाड़ी कार्यकत्री ऐसी भी हैं, जो न केवल अपने फर्ज को बखूबी निभा रही हैं, बल्कि सेवा भी बखूबी कर रही हैं।
आदिवासियों की करती हैं मदद
नासिक की रहने वाली रेलू नर्मदा के पास पली बढ़ी हैं। समाज सेवा करना उन्हें अच्छा लगता है। खासकर गर्भवती महिलाओं को लेकर वह बेहद ​चिंतित रहती हैं। इसी के चलते उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र ज्वाइन किया और आदिवासी क्षेत्रों की ओर रुख किया। उन्होंने इसी साल अप्रैल से आदिवासी बच्चों और गर्भवती महिलाओं के लिए काम करना शुरू किया। वह उनके पास जाकर उनकी हरसंभव मदद करने की कोशिश करती हैं और उनकी समस्याओं को ऊपर तक पहुंचाने में भी पीछे नहीं हटतीं।
रोजाना 18 किलोमीटर तक चलाती हैं नाव
रेलू आदिवासी महिलाओं तक पहुंचने लिए रोजाना 18 किलोमीटर तक नाव चलाती हैं। जब शाम को वो घर पहुंचती हैं, तो उनके हाथ दर्द करने लगते हैं पर उनको इसकी चिंता नहीं हैं। वह कहती हैं कि मैं असहाय लोगों के बीच जाकर उनकी मदद करती हूं, इसके सामने मेरा दर्द कुछ भी नहीं है। वह महाराष्ट्र के नंदुरबार की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं। 6 साल से कम उम्र के आदिवासी बच्चों और गर्भवती महिलाओं की मदद के लिए हर दिन 18 किलोमीटर नाव चला कर गांवों में पहुंचती है। वह नवजात शिशुओं और उनकी माताओं के समुचित विकास की जांच करती हैं। साथ ही उनको पोषाहार आदि भी पहुंचाती हैं। मुख्यमंत्री कार्यालय उनके काम की प्रशंसा कर चुका है। वह हर रोज आंधी, बारिश, सर्दी,गर्मी में अपने सफर को बिना रुके तय करती हैं। उनकी कर्तव्यनिष्ठा, समर्पण व सेवाभाव को हर कोई सराह रहा है।