पति शहीद मेजर विभूति ढौंढियाल के शहीद होने पर उनकी पत्नी निकिता ने संकल्प लिया था कि वो सेना में जाकर देशसेवा करेंगी और उन्होंने अपना संकल्प पूरा किया।
देहरादून। देशभक्ति और पति के सपनों को साकार करने का जज्बा कोई शहीद मेजर विभूति ढौंढियाल की पत्नी निकिता से सीखे। पुलवामा आतंकी हमले में पति के शहीद होने के बाद निकिता ने संकल्प लिया था कि वह भी पति की तरह सेना में भर्ती होंगी। निकिता का यह संकल्प पूरा हो गया। ओटीए चेन्नई में पासिंग आउट परेड के बाद वह बतौर लेफ्टिनेंट सेना में शामिल हो गईं।
शादी के नौ माह बाद ही खो दिया था पति
निकिता ने शादी के महज नौ माह बाद ही पति मेजर विभूति ढौंढियाल को खो दिया था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पति के पद चिह्नों पर चलते हुए देश सेवा का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने चेन्नई स्थित ऑफिसर ट्रेनिंग एकेडमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया और पासिंग आउट परेड में शिरकत कर पास आउट हो गईं। सेना के उत्तरी कमान के आर्मी कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल वाईके जोशी ने निकिता के कंधों पर पीप्स (स्टार) चढ़ाए। इसके बाद वह बतौर लेफ्टिनेंट सेना की आर्डिनेंस कोर में कमीशंड हो गईं। उनकी पहली पोस्टिंग साउथ वेस्टर्न कमान में हुई है। निकिता के कंधों पर पीप्स चढ़ाते हुए ले. जनरल भी बोले कि मुझे आप पर गर्व है।
लिया था देश सेवा का संकल्प
पति की मौत के बाद निकिता ने संकल्प लिया था कि वो देशसेवा करेंगी और अपने निर्णय पर अडिग वो इस राह पर आगे बढ़ती रहीं। दिल्ली में एमएनसी कंपनी में नौकरी करने वाली निकिता ने नौकरी छोड़ी और पढ़ाई शुरू की। पति की शहादत को छह महीने भी नहीं हुए थे कि निकिता ने शॉर्ट सर्विस कमिशन (एसएससी) फॉर्म भरा। अपने जुनून और जज्बे और परिक्षा और एसएसबी इंटरव्यू दोनों पास कर लिया। निकिता ने इसके बाद ऑफ़िसर्स ट्रेनिंग अकादमी (ओटीए), चेन्नई में ट्रेनिंग की और 29 मई, 2021 को बतौर लेफ़्टिनेंट निकिता कौल ढौंडियाल भारतीय सेना से जुड़ गईं विदित है कि वर्ष 2019 में पुलवामा में हुए आंतकी हमले में दून के डंगवाल मार्ग निवासी मेजर विभूति ढौंढियाल शहीद हो गए थे। अंतिम दर्शन के समय निकिता ने शहीद पति को सलामी देकर सेना में जाने का संकल्प लिया था।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.