ईरान में जन्मीं भारत में पली-बढ़ी मराल यजरलू गर्भवती थीं, लेकिन इसके बाद भी हौंसला नहीं छोड़ा और बाइक पर पूरी दुनिया का चक्कर लगाने निकल पड़ी।
नई दिल्ली। अगर आपको कुछ बनना है। भीड़ से अलग दिखना है, तो हौसले बुलंद रखिए राह आसान हो जाती है। कुछ ऐसा ही किया मराल यजरलू ने। एक रियल एस्टेट कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट हैं और उनके नामपर एक डिजाइनर का लेबल भी लगा है। शुरुआत से ही मेहनती मराल को लगा कि उन्हें कुछ अलग करा चाहिए। हालांकि मोटर साइकिल चलाना उनका पैशन था, तो अपनी बीएमडब्ल्यू बाइक उठाकर वह निकल पड़ीं दुनिया घूमने। उन्होंने अपने 110,000 किलोमीटर की सोलो ट्रिप प्लान की। जब उन्होंने प्लान बनाया तो उन्हें पता चला कि वो गर्भवती हैं, लेकिन मराल ने पीछे कदम नहीं हटाए और बाइकिंग शुरू कर दी।
गर्भावस्था में निकल पड़ीं घूमने
मराल इस दुनिया की उन तीन महिलाओं में गिनी जाती हैं, जो बाइक से दुनिया के सात महाद्वीपों का चक्कर लगा चुकी हैं। जब वो बाइक से चक्कर लगा रहीं थीं, तो बॉयफ्रेंड ने शादी का प्रस्ताव रखा और दोनों ने शादी कर ली। दोनों ने 18 महीने ट्रैवल करते हुए बिताए, जिसमें से वो 6.5 महीने गर्भवती थीं। तब भी मराल ने समाज की उन हिदायतों को दरकिनार किया कि गर्भावस्था में कम चलो-फिरो, टाइम से जागो-सोओ आदि। मराल को लगा कि उनके अंदर पल रहा बच्चा स्वस्थ और खुश होगा, क्योंकि अपने इस काम से मराल बेहद खुश थीं।
खुद से कहा निर्णय लेना सीखो
सफर पर निकलने से पहले मराल को कई बार लगा कि वो कहीं गलत तो नहीं कर रहीं। कभी हां कभी न के द्वंद में फंसी मराल ने खुद से ही कहा कि निर्णय लेना सीखो और मानसिक स्तर पर और दृढ़ बने और खुद को साबित करें। राइडिंग के दौरान उन्हें किसी तरह की कोई दिक्कत नहीं हुई। उन्होंने खुश होकर सफर तय किया और जो सोचा था वो कर दिखाया। मराल ईरान की पहली महिला बाइकर हैं, जिन्होंने वर्ल्ड ट्रैवल किया। ऐसा करना आसान नहीं था, क्योंकि ईरान में एंट्री के लिए उन्हें परमिशन लेनी पड़ी और नियमों में बदलाव के लिए लड़ाई लड़नी पड़ी।
दिया एक बेटी को जन्म
अपने सफर के दौरान मराल ने हेल्दी भोजन लिया। सबसे ज्यादा दिक्कत अफ्रीका के रास्ते में आई जहां खाना ही नहीं था, तो उबले अंडे और फल खाकर सफर तय किया। सफर के दौरान एक बेटी को जन्म दिया तो आज पूरी तरह स्वस्थ है। मराल ने लड़कियों से जुड़ी कई पुरानी परंपरा को तोड़ा और अपने सपने पूरे किए।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.