सीखने की कोई उम्र नहीं होती। इस बात को सही साबित कर दिखाया है, केरल के त्रिशूर में रहने वालीं 90 साल की बुजुर्ग मैरी थॉमस ने। उन्होंने कोरोना काल में ऑनलाइन अखबार पढ़ने के लिए न केवल लैपटॉप चलाना सीखा, बल्कि आज आस-पास की तमाम महिलाओं को भी तकनीक से जुड़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। आइए जानते हैं बुजुर्ग मैरी के लगन की दिलचस्प दास्तां...
नई दिल्ली। केरल के त्रिशूर में रहने वालीं मैरी थॉमस अब उम्र के 90वें पायदान पर पहुंच चुकी हैं। वह महज दसवीं तक पढ़ी हैं। उन्होंने अपनी पूरी उम्र खेती-बाड़ी में ही गुजारी है। हालांकि उन्हें बचपन से ही पढ़ने का काफी शौक रहा है, लेकिन पारिवारिक मजबूरी के कारण वह उच्च शिक्षा हासिल नहीं कर सकीं। इसका मलाल उन्हें हमेशा रहा। इसके बावजूद उन्होंने कभी भी अपने सीखने की ललक को मरने नहीं दिया। वह देश और दुनिया में क्या नया चल रहा है, इसे जानने को लेकर हमेशा उत्सुक रहती हैं। अखबार से उनकी यह लालसा पूरी होती है। इस कारण वह रोजाना अखबार को बहुत ध्यान से पढ़ती हैं। साथ ही अपने आस-पास की महिलाओं और ग्रामीणों को देश-दुनिया में क्या नया चल रहा है, इसके बारे में बताती हैं। इस साल कोरोना वायरस के कारण उनके गांव तक अखबार नहीं पहुंच पा रहा था। इससे वह काफी परेशान थीं। उन्होंने इस बारे में अपने पोते अरुण से बात की तो उसने उन्हें लैपटॉप पर ऑनलाइन अखबार पढ़ने की सलाह दी। अब मैरी के सामने दिक्कत यह थी कि उन्हें लैपटॉप कैसे खोला और बंद किया जाता है, यह तक तो आता नहीं था। ऐसे में वह ऑनलाइन अखबार कैसे पढ़ेंगी यह सोचकर वह परेशान हो गईं।
पोते की मदद से सीखा लैपटॉप चलाना
बुजुर्ग मैरी थॉमस ने पोते अरुण से लैपटॉप सिखाने की बात कही तो वह खुश हो गया। उसने दादी को लैपटॉप सिखाना शुरू किया। शुरुआत के कुछ दिनों में तो मैरी को काफी दिक्कत हुई। कई बार उन्हें लगा कि यह उनसे नहीं हो पाएगा, लेकिन अखबार तो पढ़ना ही था और लैपटॉप ही अब उसके लिए एकमात्र साधन था। पोते अरुण ने भी दादी की लगन और दिलचस्पी देखी तो उन्हें अलग-अलग तरीकों से लैपटॉप को ऑपरेट करना सिखाया। जल्द ही दादी लैपटॉप ऑपरेट करना सीख गईं। अब वह रोजाना सुबह से शाम के बीच जब भी वक्त मिलता है लैपटॉप पर ऑनलाइन अखबार पढ़ने में व्यस्त हो जाती हैं। एक दिन पोते अरुण ने दादी की लैपटॉप पर ऑनलाइन अखबार पढ़ते हुए फोटो सोशल मीडिया पर शेयर कर दी। इसके बाद दादी चर्चा में आ गईं। सभी उनकी सरहना कर रहे हैं।
सोशल मीडिया पर तारीफों की बाढ़
सोशल मीडिया पर लोग दादी की जमकर तारीफ कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- दादी पेपर पढ़ते हुए बहुत खुश लग रही हैं। इस उम्र में सीखना और समझना इतना आसान नहीं होता। वहीं, एक दूसरे यूजर ने लिखा- लैपटॉप पर पेपर पढ़ते समय दादी की कमर काफी झुक रही है। उनके लिए दूसरे टेबल का इंतजाम करना चाहिए, ताकि पेपर पढ़ते समय उन्हें इतना झुकना न पड़े। अरुण रोजाना आने वाले ऐसे कमेंट्स को अपनी दादी को पढ़कर सुनाते हैं। दादी इससे काफी उत्साहित हैं।
आसपास की महिलाओं को कर रहीं जागरूक
बुजुर्ग दादी अब अपने आसपास रहने वाली अन्य महिलाओं और ग्रामीणों को भी लैपटॉप और इंटरनेट से नई-नई जानकारियां मिलने के बारे में बताते हुए उन्हें इसे सीखने के लिए प्रेरित कर रही हैं। वह ग्रामीणों को यह भी कहती हैं कि यदि उनकी दिलचस्पी हो तो अरुण उन्हें भी लैपटॉप चलाना सिखा सकता है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.