Aparajita
Aparajita

महिलाओं के सशक्तिकरण की एक सम्पूर्ण वेबसाइट

प्रियंका को मिले एक एक ताने ने बदल दिया जिंदगी का ताना बाना

Published - Tue 09, Jun 2020

हरिद्वार की रहने वाली, लखनऊ में पढ़ने वाली और छतीसगढ़ में कार्यरत्त प्रियंका शुक्ला की चिकित्सक से आईएएस बनने की कहानी कम रोमांचक नहीं है।

priyanka ias

हरिद्वार की प्रियंका शुक्ला के जीवन की कहानी कम फिल्मी नहीं है। बचपन से ही पढ़ाई-लिखाई में होशियार प्रियंका डॉक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन पिता का सपना था कि उनके नाम के आगे डीएम लगा हो। लेकिन बेटी के सपनों के सामने पिता ने बेटी के सपनों को ही पूरा करने का मन बना लिया। बारहवीं की परीक्षा साइंस स्ट्रीम से अच्छे अंकों से पास करने के बाद प्रियंका ने लखनऊ के किंग्स जार्ज मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की परीक्षा उतीर्ण की इंटर्नशिप के दौरान उनके साथ एक ऐसा वाकया हुआ, जिसने प्रियंका को आईएएस बनने पर मजूबर कर दिया।
एमबीबीएस की परीक्षा उतीर्ण करने के बाद इंटर्नशिप के दौरान प्रियंका को स्लम एरिया में इलाज के लिए जाना होता था। इसी दौरान एक महिला उनके पास इलाज के लिए आया करती थी। एक दिन प्रियंका ने देखा कि महिला खुद और अपने बच्चे को गंदा पानी पिला रही है। जब प्रियंका ने उसे टोका और ऐसा करने से मना किया, तो महिला का जवाब था कि तुम कलेक्टर लगी हो क्या, जो हमें मना कर रही हो। इन जहर बुझे शब्दों का प्रियंका पर ऐसा असर हुआ कि उन्होंने ठान लिया कि वो अब कलेक्टर बनकर दिखाएंगी। कलेक्टर बनने के पीछे महिला का ताना ही कारण नहीं था। प्रियंका जब झुग्गी बस्ती के लोगों की दशा देखती थीं, तो बेहद परेशान हो जाती थीं। ऐसे में कहीं न कहीं उनके मन में था कि प्रशासनिक सेवा में जाकर ही वो इन लोगों के लिए कुछ कर सकती हैं।

जब बनीं आईएएस
प्रियंका ने आईएएस की परीक्षा की तैयारी शुरू की और दिनरात पिता और अपने सपने को पूरा कराने में जुट गईं। 2009 में आखिर प्रियंका ने इस मुकाम को हासिल कर लिया और आज वो छत्तीसगढ़ में सेवा दे रही हैं।

बहुमुखी प्रतिभा की धनी प्रियंका
प्रियंका कविताएं भी लिखती हैं और कंटेम्पररी डांस में भी पारंगत हैं। वो एक अच्छी गायिका और सिंगर व पेंटर भी हैं। अक्सर वो सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिभा का परिचय कराती रहती हैं।

राष्ट्रपति ने किया सम्मानित
प्रियंका शुक्ला को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से सेंसस 2011 के दौरान बेहतर काम करने केलिए सेंसस सिल्वर मेडल मिल चुका है। इसके अलावा कई पुरस्कार उन्होंने अपने नाम किए हैं। मास्टर ब्लॉस्टर सचिन तेंदुलकर भी उनके काम की प्रशंसा कर चुके हैं।