मेरठ की संजू रानी ने यूपीपीसीएस का एग्जाम पास कर लिया है। संजू आईएएस बनना चाहती हैं और अपने सपने को पूरा करने के लिए संजू ने घरवालों से बगावत की और यहां तक की घर भी छोड़ दिया।
नई दिल्ली। पश्चिमी यूपी में बेटियों पर लगी पाबंदियां किसी से छिपी नहीं हैं। बेटी थोड़ी स्यानी क्या हुई, परिवार से ज्यादा समाज और आसपड़ोस के लोगों को उसकी शादी की चिंता सताने लगती है। कुछ ऐसा ही मेरठ की संजू रानी के साथ भी था। पढ़ने-लिखने में होशियार संजू पढ़ना चाहती थीं, लेकिन परिवार उनकी शादी करवाने पर तुला था। संजू ने परिवार से बगावत की और अपने सपनों को उड़ान देने के लिए सात साल पहले घर छोड़ दिया। संजू आईएएस बनना चाहती हैं और और हाल ही में उन्होंने यूपीपीसीएस का एग्जाम पास किया है। उनका सपना है कि एक दिन वो मेरठ की कलेक्टर बनकर दिखाएं।
संजू के सपनों के बीच आड़े आया परिवार
आज से करीब सात साल पहले संजू के घरवालों ने उनसे साफ कह दिया कि वह उनकी शादी के लिए लड़का देख रहे हैं और उन्हें शादी करनी ही होगी, लेकिन संजू उस समय कुछ और सपने बुन रहीं थीं। वो सपने थे अफसर बनने के। लेकिन जब परिवार सपनों के बीच बाधा बनकर खड़ा हो गया और समाज की रूढ़िवादी सोच परिवार पर हावी होने लगी, तो संजू ने परिवार छोड़ने का मन बना लिया। बारहवीं पास करने के बाद ही संजू पर परिवार शादी का दवाब बनाने लगा था। उनकी बड़ी बहन की शादी भी 12वीं पास करते ही कर दी गई थी। संजू को परिवार ने ग्रेजुएशन करने के लिए मना लिया, लेकिन परिवार को मनाकर उन्होंने स्नातक किया पर फिर परिवार शादी की जिद पर अड़ गया। जब परिवार नहीं माना, तो संजू ने घर छोड़ दिया।
संजू ने किया काफी संघर्ष
परिवार छोड़ने के बाद संजू के पीछे मुसीबतें लग गईं। सरकारी नौकरी की तैयारी में जुटी संजू के लिए खर्चा चलाना बेहद मुश्किल हो गया। अपने खर्चे पूरे करने के लिए संजू ट्यूशन भी पढ़ातीं और नौकरी भी करतीं, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। उनकी मेहनत रंग लाई और इस साल उन्होंने यूपीपीसीएस की परीक्षा पास कर ली है। संजू आईएएस बनना चाहती हैं और इसकी तैयारी भी कर रही हैं। संजू का कहना है कि एक दिन वो अपने सपने को जरूर पूरा कर दिखाएंगी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.