सीआरपीएफ की एक महिला अफसर न केवल अपनी ड्यूटी ईमानदारी से कर रही हैं बल्कि वह प्रतिदिन दूर दराज के गांव में जाकर देश सेवा करने वाले युवाओं को पढ़ा भी रहीं हैं। मोनिका सालवे नाम की यह अफसर जम्मू में अपने इस जज्बे के कारण आजकल चर्चा का विषय बनी हुई हैं। उनके इस जज्बे को हर कोई सलाम कर रहा है।
जम्मू। भारत-पाकिस्तान नियंत्रण रेखा से सटे पुंछ जिले में लोगों की सुरक्षा के लिए तैनात सीआरपीएफ के अधिकारी और जवान दिन रात ड्यूटी देकर क्षेत्र को महफूज बना रहे हैं। इसी व्यस्तता के बीच सीआरपीएफ की एक महिला अधिकारी असिस्टेंट कमांडेंट मोनिका सालवे दूर दराज के गांव में युवाओं को बीएसएफ की लिखित परीक्षा की तैयारी करवा रही हैं।
नोट्स तैयार करके देती हैं
मोनिका गांव के टॉप युवाओं को नोट्स बनाकर देती हैं। बाकायदा कक्षा लगाकर उन्हें लिखित परीक्षा पास करने के नुस्खे भी बताती हैं। इसके अलावा वह प्रतिदिन होने वाली घटनाओं पर नजर रखने की सलाह भी युवाओं को देती हैं। प्रतिदिन अखबार और मैगजीन पढ़ने को भी कहती हैं।
अपने खर्चे पर करती हैं सारा काम
कोरोना महामारी के बीच सीआरपीएफ की यह महिला अधिकारी हर दिन कलाई गांव स्थित सरकारी हाई स्कूल पहुंचती हैं और गांव के युवाओं को एकत्र कर उनकी कक्षा लेती हैं। इन युवाओं ने बीएसएफ का ग्राउंड टेस्ट पास किया है। असिस्टेंट कमांडेंट मोनिका सालवे अपने खर्च पर नोट्स तैयार कर इन युवाओं को सौपती हैं।
चुनौती को आसान बना दिया मैडम ने
बीएसएफ की शारीरिक परीक्षा पास कर चुके युवाओं मोहम्मद फरीद, आबिद हुसैन, इमरान आदि का कहना है कि बीस युवाओं ने बीएसएफ का ग्राउंड पास कर रखा है, लेकिन लिखित परीक्षा की तैयारी सबसे बड़ी चुनौती बना हुआ था, जिसे मोनिका मैडम ने आसान कर दिया है। मैडम की मदद से आत्मविश्वास बढ़ा है और पूरा भरोसा है कि लिखित परीक्षा पास कर हमें देश सेवा का मौका मिलेगा।
बिहार से यहां स्पेशल ड्यूटी पर आई हूं
बतौर मोनिका मुझे बिहार से पुंछ में स्पेशल ड्यूटी पर भेजा गया है। मुझे पता चला कि फिजिकल टेस्ट पास कर चुके यहां के युवा लिखित परीक्षा की तैयारी करना चाहते हैं। इसके बाद मैंने ड्यूटी के बाद खाली समय में इन्हें पढ़ाने का फैसला किया। युवा भी रुझान दिखा रहे हैं। उम्मीद है कि मेरी इस कोशिश से युवाओं को लाभ मिलेगा।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.