मुंबई की डॉ. रैना ने पति के साथ मिलकर मुंबई में कोरोना से रिकवर हुए लोगों से मात्र दस दिन में बीस किलो बची दवाई एकत्र की और इस दवा को जरूरतमंदों को दिया जा रहा है।
मुंबई। कोरोना के इस संकट में मदद के लिए लोग एक दूसरे का सहारा बन रहे हैं। कैसे भी हो बस जरूरतमंदों की मदद हो जाए और लोगों को राहत मिले। मुंबई की डॉ. रैना ने एक ऐसा अनोखा अभियान शुरू किया है, जो बेहद खास है। डॉ. रैना अपने पति डॉ. मार्कस रन्नी के साथ मिलकर रिकवर हो चुके लोगों से बची हुई दवाईयां जमा करती हैं और जरूरतमंदों में बांटते हैं। अभ तक वो दस दिनों में बीस किलो बची दवाई जमा कर चुके हैं और बांट भी चुके हैं।
‘मेड्स फॉर मोर’की शुरूआत
डॉ. मार्कस रन्नी और उनकी पत्नी डॉ. रैना ने ‘मेड्स फॉर मोर’ पहल की शुरूआत की है। इस अभियान का मकसद रिकवर हो चुके लोगों से बची हुई दवा एकत्र करना है। दोनों पति-पत्नी हाउसिंग सोसाइटियों से दवाइयां इकट्ठा करते हैं और उन लोगों को मुहैया कराते हैं, जो उन्हें खरीद नहीं सकते। उनके पास आठ लोगों की टीम है, जो इस दिशा में काम कर रही है। साथ ही कुछ एनजीओ भी उनके साथ इस काम में सहयोग कर रहे हैं। डॉ. रैना ने कहती हैं कि उनको ये विचार यूं ही नहीं आया। उनके ही कर्मचारियों में से एक का परिवार कोविड संक्रमित हो गया और जरूरत की दवा कहीं भी मौजूद नहीं थीं। उस समय कुछ लोग थे जो कोविड से रिकवर हो गए थे, इसलिए हमने उनसे दवाएं लेने और उन्हें जरूरतमंदों में बांटने का फैसला किया। अपने अभियान के द्वारा ये सभी तरह की बची दवा जैसे एंटीबायोटिक्स, फैबिफ्लू, पैन रिलिफ, स्टेरॉयड, इनहेलर, विटामिन, एंटासिड, आदि को एकत्र करते हैं। साथ ही वे पल्स ऑक्सीमीटर और थर्मामीटर जैसे बेसिक मेडिकल उपकरण भी एकत्र कर रहे हैं।
पिछले साल भी बढ़ाया था मदद का हाथ
डॉ. दंपती ने पिछले साल भी कोरोना के समय मुंबई नगर पालिका के साथ मिलकर मलिन बस्तियों में कोविड मरीजों की स्क्रीनिंग और उपचार किया था। हालांकि उस समय इतनी परेशान नहीं थी। इस बार की कोविड लहर में मरीजों को दवाओं की खासी कमी हो रही है,ऐसे में ये ठीक हुए मरीजों से दवा एकत्र कर रहे हैं, ताकि इनका उपयोग ग्रामीण और आदिवासी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के इलाज के लिए किया जा सकता है, जो सबसे अधिक प्रभावित होते हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.