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निर्मोही से सीखें हार नहीं माननी हैं

Published - Thu 27, May 2021

मुंबई की भरतनाट्यम डांसर निर्मोही अनिल एक सड़क दुर्घटना में बुरी तरह घायल हुईं। सिर में गंभीर चोट लगी। एक के बाद एक 11 सर्जरी की गईं, लेकिन उन्होंने जीवन से हार नहीं मानी और फिर से ​थिरकना शुरू किया।

nirmohi anil

मुंबई। हादसा अच्छे अच्छों को हताश कर देता हैं, निराश कर देते हैं। कुछ लोग हादसों के कारण जीवन से हार मान लेते हैं या अपने सपनों का पीछा करना छोड़ देते हैं। लेकिन मुंबई की निर्मोही अनिल ने दुर्घटना के बाद भी हिम्मत नहीं हारी और अपने सपने को जीती रहीं। मुंबई की रहनेवाली 24 साल की निर्मोही अनिल मुंबई के एक कॉलेज में पढ़ती हैं और भरतनाट्यम डांसर हैं। एक सड़क हादसे ने उनके जीवन को निराशा से भर दिया। अपने घर के पास किसी से मिलने जा रहीं निर्मोही का एक्सीडेंट हुआ। पास के अस्पताल ले जाया गया, तो बिगड़ती हालत देखकर उन्हें दूसरे अस्पताल रेफर कर दिया गया। उनका बचना लगभग मुश्किल लग रहा था, लेकिन परिवार ने हार नहीं मानी। उनके सिर में बेहद गंभीर चोट लगी थीं। चिकित्सकों की टीम ने उनको बचाने का पूरा प्रयास किया। सिर में गंभीर चोट लगने के कारण निर्मोही कोमा में जा चुकी थीं। चिकित्सकों ने उस भीषण एक्सिडेंट की वजह से निर्मोही पर पड़ने वाले नकारात्मक प्रभाव से बचाने के लिए क्रेनियोटोमी सर्जरी की। एक दिन बीता, दो दिन बीते लेकिन वो पूरे 45 दिन तक वेंटिलेटर पर रहीं। निर्मोही कोमा से तो बाहर आ गईं, लेकिन गुमसुम रहने लगीं। चिकित्सकों ने उनको स्पीच थैरेपी, फिजियोथैरेपी करने की सलाह दी। धीरे-धीरे उनकी जिंदगी पटरी पर लौटनी लगी। पांच साल तक उनका इलाज चला और चिकित्सकों ने एक के बाद एक उनकी ग्यारह सर्जरी कीं।  धीरे-धीरे तबियत में सुधार होने लगा और निर्मोही ने अतीत को पीछे छोड़ फिर अपने सपनों को जीना शुरू किया। वे फिर से थिरकने लगीं । इसका सकारात्मक प्रभाव उनपर पड़ा और वे ठीक होने के साथ-साथ हादसे की यादों से बाहर भी आ गईं।
 जुटाई हिम्मत
इस हादसे ने निर्मोही को तोड़ दिया था, वो शारीरिक तौर पर तो ठीक होने लगी थीं, लेकिन दिमागी तौर पर सही नहीं थीं। निर्मोही का पैशन भरतनाट्यम था, तो उन्होंने बुझे मन से फिर उसे करना शुरू किया। इससे उनके उदास मन को शांति मिलने लगी और निर्मोही तेजी से रिकवर होने लगीं। धीरे-धीरे निमोही ने डांस की वहीं रफ्तार पकड़ ली थी, जिसपर वो चल रही थीं। निर्मोही ने हिम्मत और हौसले से काम लिया और दुनिया को दिखा दिया कि हिम्मत रखने से हर मुश्किल को हराया जा सकता है।