समोआ देश की पहली महिला प्रधानमंत्री मताफा ने विरोधियों द्वारा संसद में ताला लगाने के बाद टैंट में शपथ ली। मताफा ने लंबे समय से सत्ता पर बैठे लोगों को आइना दिखा दिया।
नई दिल्ली। महिला आज पहले से ज्यादा ताकतवर हुई हैं, चाहें क्षेत्र रक्षा का हो या राजनीति का। वो आज हर जगह परचम लहरा रही हैं। ऐसी ही एक शक्तिशाली महिला हैं मताफा। समोआ देश की पहली महिला प्रधानमंत्री चुनी गईं मताफा ने विरोधियों के सामने हार नहीं मानी और जीतीं। विरोधियों ने उनकी शपथग्रहण समारोह को बाधित करने के लिए संसद में ताला लगा दिया, पर उन्होंने कहा कि शपथ तो मैं लूंगी। खुद टैंट में और मंत्रियों को शपथ दिलाई और कहा कि देश को आगे ले जाना है, मैं डरने वाली नहीं हूं।
प्रशांत महाद्वीप के एक छोटे से देश समोआ में इन दिनों राजनीतिक उठापटक चल रही हैं। विपक्षी पार्टी ने बाइस साल तक देश पर राज किया। प्रधानमंत्री रहे ट्विलाएपा सैलेले मैलिलेगाओई। लेकिन जब जनता ने बदलाव करनी ठानी तो सत्ताधारी पार्टी को उखाड़ फेंका और एक महिला को प्रधानमंत्री चुना। अपनी हार से आहत पूर्व प्रधानमंत्री ट्विलाएपा सैलेले मैलिलेगाओई ने पद छोड़ने से इंकार कर दिया और कोर्ट के आदेश को भी नहीं माना। चुनकर आईं नई प्रधानमंत्री नाओमी मताफा जब संसद में इस उम्मीद से पहुंची की पद की शपथ लेकर देश हित में काम शुरू करेंगी, तो विरोधियों ने संसद में ताला ठोक दिया। मताफा हारी नहीं, डरी नहीं। उन्होंने और पार्टी के नए सदस्यों ने एक गार्डन में एकत्र होकर बारी-बारी पद की शपथ ली। हालांकि मताफा के विरोधियों ने गार्डन में हुए शपथ समारोह को खारिज कर दिया है और इसे गैरकानूनी बताया।
समोआ के चुनावी इतिहास में मताफा ने दी कड़ी टक्कर
समोआ के चुनावी इतिहास में मताफा ने इस चुनाव को सबसे ज्यादा कड़ी टक्कर वाला चुनाव बना दिया। चार दशक तक सत्ता पर काबिज रहने वाले मैलिलेगाओई की ह्यूमन राइट्स प्रोटेक्शन पार्टी (एचआरपीपी) मताफ़ा की फास्ट पार्टी से हार गई। दोनों पार्टियों ने 25-25 सीटें जीतीं, लेकिन एक निर्दलीय सांसद ने अलग होकर फास्ट पार्टी को समर्थन दिया। एचआरपीपी ने कानूनी दांव चला और दावा किया कि महिला सांसदों ने कोटे का सही तरीके से पालन नहीं किया। चुनाव आयोग ने चुनाव रद्द किए और अप्रैल के बाद मई में दोबारा चुनाव कराने को कहा। चुनाव से मात्र पांच दिन पहले देश के सुप्रीम कोर्ट ने मताफा के पक्ष में फैसला दिया और चुनाव को सही ठहराया। ये भी कहा कि मताफा का शपथ ग्रहण होना चाहिए। पोलिनेशिया की पहली महिला उप प्रधान मंत्री के रूप में काम कर चुकीं मताफा की आम चुनाव में सफलता ने उन्हें इस क्षेत्र में सरकार का नेतृत्व करने वाली दूसरी महिला बना दिया है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.