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रद्दी कागज के निष्पादन से काम की चीजों का निर्माण कर रही हैं नीरजा 

Published - Thu 17, Dec 2020

नीरजा को कला और शिल्प के प्रति लगाव अपने पिता से विरासत में मिला। जब उन्हें कागज की बुनाई के बारे में पता चला, तो नीरजा ने विचार किया कि खराब कागज के निष्पादन का यह समाधान हो सकता है। इसलिए उन्होंने ‘सूत्रकार क्रिएशन’ की नींव रखी। 

neerja polysetti

नीरजा पालीसेट्टी राजस्थान के जयपुर में बुनकरों के परिवार से ताल्लुक रखती हैं। नीरजा के पिता शिल्पकार थे, इसलिए उनका बचपन इन्हीं सब के बीच में ही बीता। यहीं कारण रहा कि बचपन से ही ही उन्हें कला और शिल्प से लगाव हो गया। पढ़ाई पूरी करने के बाद नीरजा ने सूत्रकार क्रिएशन नाम से एक संस्था की शुरुआत की। यह संस्था पेपर को रिसाइकल करके उचित व्यापार, शिल्प सशक्तिकरण, शून्य-अपशिष्ट, और नैतिक फैशन को बढ़ावा देने का काम करती है। इसका उद्देश्य नए तरीके की हथकरघा बुनाई को बढ़ावा देना है। 
कागज से नए-नए प्रकार की वस्तुएं बनाना उन्हें बचपन से पसंद था। यही कारण रहा कि उन्होंने क्लोदिंग ऐंड टेक्सटाइल में वड़ोदरा से स्नातक और फिर नॉटिंघम ट्रेंट विश्वविद्यालय से परास्नातक किया। उन्होंने कुछ कॉलेजों में बतौर डिजाइन प्रोफेसर अध्यापन भी किया। उसी दौरान नीरजा को जापान के पेपर वीविंग कॉन्सेप्ट यानी कागज की बुनाई के बारे में पता चला, तब उन्हें अहसास हुआ कि क्यों न इस तकनीक को अपने देश में इसका इस्तेमाल किया जाए, ताकि रद्दी या कचरा बन चुके कागज का दोबारा उपयोग किया जा सके। इसलिए उन्होंने सबसे पहले इस तकनीक को समझा और सीखा। बतौर कलाकार अपना काम शुरू करना उनका सपना था। इसलिए जब उन्हें इस तकनीक के बारे में अच्छी तरह से समझ में आ गई, तो उन्होंने ‘सूत्रकार क्रिएशन’ की नींव रखी। और खराब हो चुके कागज से आर्टिफेक्ट्स और दैनिक जीवन में उपयोगी चीजें बनाने लगी। इसे लोगों ने काफी पसंद किया।    

हैंडलूम का विचार

शुरू में नीरजा ने खराब कागज को इकट्ठा किया और छोटे-छोटे टुकड़ों में काटकर प्रोसेस किया। अपने पिता के हैंडलूम पर उन्होंने खुद अपने हाथों से इससे धागा बनाया। चूंकि वह बहुत पहले से ही हैंडलूम शुरू करने का विचार कर चुकीं थी इसलिए उन्होंने ढेर सारे प्रयोग किए हैं, उसके बाद ही उन्हें चीजें बनाने में सफलता मिली।

रोजगार के अवसर

इस काम के माध्यम से नीरजा ने कई लोगों को रोजगार दिया है, जो चर्खा चलाते और बुनाई करते हैं। साथ ही कई महिलाएं भी इसमें शामिल हैं, जो चर्खे से कागज का धागा बनाती हैं। कागज के इस धागे से बुनकर आर्टिसन फैब्रिक बनाते हैं, जिससे लैंपशेड, फोटो फ्रेम, क्लच, बुकमार्क, डायरी, स्केच बुक, पेनस्टैंड बनाए जा रहे हैं।

गुणवत्ता पर जोर

अगर आपको लग रहा है कि कागज के बने उत्पाद टिकाऊ नहीं होते होंगे तो आप गलत हो। कागज से जब धागा बनाया जाता है और फिर फैब्रिक, तो यह काफी मजबूत हो जाता है। इससे उत्पाद की गुणवत्ता काफी अच्छी होती है। नीरजा की संस्था कच्चे माल के लिए स्क्रैप डीलर, हैंडमेड पेपर इंडस्ट्री और घरों पर निर्भर रहते हैं, ताकि कचरे का निष्पादन किया जा सके।