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आतंकी हमले में बिगड़ गया चेहरा, 23 दिन तक कोमा में रहीं, 22 सर्जरी हुईं, अब दूसरों के चेहरे पर ला रहीं खुशी

Published - Fri 28, Feb 2020

बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स के हवाई अड्डे पर 22 मार्च 2016 को हुए आतंकी हमले की यादें आज भी आपके जेहन में ताजा होंगी। इस हमले में जहां 35 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं, सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। इस हमले में अमृतसर की रहने वाली जेट एयरवेज की एयर होस्टेस निधि खुराना चाफेकर भी गंभीर रूप से घायल हो गईं थीं। वह 23 दिन तक कोमा में रहीं। इस दौरान उन्हें 22 मेजर सर्जरियों से भी गुजरना पड़ा, लेकिन आज वह जिंदगी से निराश हो चुके लोगों को खुशियां बांटने का काम कर रही हैं।

Nidhi Chaphekar

नई दिल्ली। बेल्जियम की राजधानी ब्रसेल्स के हवाई अड्डे पर 22 मार्च 2016 को हुए आतंकी हमले की यादें आज भी आपके जेहन में ताजा होंगी। इस हमले ने बहुत से लोगों और उनके परिजनों के चेहरे पर ऐसा दर्द दिया, जो वह चाह कर भी ताउम्र भुला नहीं सकते। इस हमले में जहां 35 लोगों की मौत हो गई थी, वहीं, सैकड़ों लोग घायल हो गए थे। इनमें से आज चार साल बाद भी कई बेड और व्हील चेयर पर जिंदगी गुजार रहे हैं। इस हमले में अमृतसर की रहने वाली जेट एयरवेज की एयर होस्टेस निधि खुराना चाफेकर भी गंभीर रूप से घायल हो गईं थीं। उनके पूरे शरीर जख्म के कई निशान थे। चेहरा बुरी तरह बिगड़ गया था। वह हमले में बच तो गईं थीं, लेकिन हालत इतनी नाजुक थी कि उन्हें कोमा की स्थिति में आईसीयू में रखना पड़ा था। वह 23 दिन तक कोमा में रहीं। इस दौरान उन्हें 22 मेजर सर्जरियों से भी गुजरना पड़ा। इन सर्जरियों के बाद जब डॉक्टरों ने निधि के चेहरे से पट्टियां हटाई तो अपना चेहरा आईने में देख वह खुद डर गईं थीं। लेकिन फिर उन्होंने जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने का फैसला लिया। इस दौरान कई बार तो डॉक्टरों ने भी उनके नर्मल होने की उम्मीद छोड़ दी थी, लेकिन यह निधि की दृढ़ इच्छाशक्ति ही थी कि वह फिर से अपने पैरों पर उठ खड़ी हुईं। निधि ने अपने संघर्ष की कहानी दुनिया के सामने लाने के लिए ‘अनब्रोकन’ नाम की एक किताब भी लिखी है। निधि आज जिंदगी से निराश हो चुके लोगों को खुशियां बांटने का काम कर रही हैं। वह मोटिवेशनल स्पीकर के तौर पर अवसाद में डूब चुके लोगों में दोबारा जिंदगी जीने की ललक पैदा कर रही हैं। निधि के कार्यों को देखते हुए बेल्जियम ने उन्हें गॉड मदर के खिताब से नवाजा है।

पूरे शरीर में धंसे थे मेटल के 49 और कांच के अनगिनत टुकड़े

ब्रसेल्स के हवाई अड्डे पर हुए हमले के दौरान हुए धमाके से निधि के पैरों के जॉइंट खत्म हो गए थे। स्किन भी जगह-जगह से जल गई थी। पूरे शरीर में मेटल के 49 और कांच के अनगिनत टुकड़े धंसे हुए थे। हमले के 23 दिन बाद 13 अप्रैल को उन्हें होश आया। यह देख डॉक्टरों ने जब उनके पति को बुलाया, तो वह निधि को देखकर इतना डर गए कि तुरंत कमरे से बाहर चले गए। कई दिनों तक निधि को भी आईना नहीं दिखाया गया। एक दिन निधि ने जब आईना देखा तो वह भी बुरी तरह डर गईं। निधि के मुताबिक अपना चेहरा आईने में देखने के बाद मुझे लगा था कि बच्चे शर्म करेंगे कि उनकी मां कैसी हो गई है। मेरा जॉब भी अब नहीं रहेगा। मैं तकरीबन 30 फीसदी जल चुकी थी। मैं गहरी निराशा में थी, बावजूद इसके मुझे जिंदा रहना था। वक्त ने मुझे सिखाया कि खूबसूरत दिखने के लिए सिर्फ चेहरे पर मुस्कान और मन में साहस होना चाहिए...मैं वही कर रही हूं।’ निधि के हौसले और जिंदादिली की तारीफ डॉक्टर भी करते हैं। उनके कोमा से बाहर आने पर डॉक्टर ने कहा था-निधि सिर्फ इसलिए जिंदा है, क्योंकि वह जिंदा रहना चाहती थी।

निधि के जन्म पर परिवार ने नहीं मनाई थी खुशियां

अमृतसर के राजासांसी में 28 अगस्त 1975 को जन्मी निधि अपने माता-पिता की चौथी संतान हैं। निधि के जन्म के समय उनके परिवार को बेटे की चाहत थी, लेकिन बेटी पैदा हुई। इस कारण उनके जन्म पर कोई नहीं मनाई गई। बेटी के जन्म से घरवाले भले निराश थे, लेकिन निधि की नानी ने उन्हें दिल से कबूल किया, कहा घर में लक्ष्मी आई हैं। बड़ी होकर निधि जेट एयरवेज में क्रू की सबसे पसंदीदा एयर होस्टेस बनीं। इसके लिए उन्हें 500 से ज्यादा एप्रीसिएशन लेटर्स मिले। फ्लाइट में उन्होंने कई मेडिकल इमरजेंसी हैंडल कीं।