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कोरोना वॉरियर : नार्थ ईस्ट की महिलाएं बना रहीं मास्क और हैंड सैनिटाइजर

Published - Mon 20, Apr 2020

महिलाओं की लगन और मेहनत के चलते उनके लिए कुछ भी असंभव नहीं है। इसका जीता जागता उदाहरण बनी हैं रोजहाट के ग्रामीण इलाकों की महिलाएं केवल एक दिन के प्रशिक्षण के बल पर यह महिलाएं कोरोना संक्रमण की जंग की योद्धा बनी हुई हैं।

मास्क बनाती महिलाएं

नई दिल्ली।  यह महिलाएं घरों में गमछों से मास्क बना रही हैं। हैंड सैनिटाइजर के साथ ही यह न केवल हाथ धोने के लिए तरल साबुन बना रहीं हैं बल्कि इन्हें इलाके के घरों में पहुंचा भी रही है। इसके पीछे की कहानी की बात करें तो वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर), नार्थ ईस्ट जोरहाट एसईईडी डिवीजन की ओर से कोरोना के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए ग्रामीण महिलाओं को विभिन्न उत्पादों  जैसे हैंड सैनिटाइजर, मास्क और कीटाणुनाशक  तैयार करने का प्रशिक्षण दिया । जिसके बाद उन्होंने इसकी शुरूआत की है। 
  इतना ही नहीं उन्हें इन तैयार उत्पादों के साथ आसपास के लोगों को कोरोना संक्रमण से बचने के उपायों के बारे में जागरूक करने के साथ सैनिटाइजर और मास्क घर-घर तक पहुंचाने का जिम्मा सौंपा गया क्योंकि कोरोना के संक्रमण से लड़ने के लिए सामाजिक दूरी के साथ सामुदायिक भागेदारी भी जरूरी है। इसकी जीवंत तस्वीर इन ग्रामीण महिलाओं ने पेश की जो कि स्वयं सहायता समूह और गैर सरकारी संगठनों के माध्यम से जुड़ी हैं।  

असमिया कपास तौलिया को मास्क में तब्दील किया
प्रशिक्षण के बाद  आरडब्ल्यूटीपी जोरहाट ने एक पारंपरिक असमिया कपास तौलिया को मास्क में तब्दील किया। इसके लिए उन्हें 150 गमछे और दो सिलाई मशीनें दिलवाई गईं। जिसकी  मदद से यह महिलाएं शिफ्टों में मास्क तैयार कर रहीं  हैं।  इसके लिए महिलाओं को 15 रुपये प्रति मास्क के देना प्रस्तावित किया गया है।  इसके अलावा यह महिलाएं प्रतिदिन 200 लीटर हैंडसैनिटाइजर और 150 लीटर तरल कीटाणुनाशक का उत्पादन कर रहीं हैं। 

कच्चा माल उपलब्ध कराया

इसके लिए उन्हें डेटॉल, इथेनॉल, ग्लिसरीन, आवश्यक तेल और कच्चा माल उपलब्ध कराया जा रहा है। महिलाएं तैयार माल को आसपास के गांवों और गरीब लोगों में मुफ्त वितरित कर उन्हें इसकी उपयोगिता से भी परिचित करा रही हैं।  इतना ही नहीं यह महिलाएं स्थानीय भाषाओं में कोरोना जागरुकता को लेकर आकर्षक पोस्टर भी तैयार कर रहीं हैं और उन्हें गांवों में घर-घर तक पहुंचा रही हैं।