कोडरमा के मरकच्चो में संगीता खाका कोरोना संकट के इस समय में अपने कर्तव्य से पीछे नही हैं। छोटे बच्चे को पीठ पर लादकर वो काम को अंजाम देने में जुटी हैं।
नई दिल्ली। देश में इस कोरोना संकट के समय डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी और नर्स भगवान से कम नहीं हैं। जहां पूरी दुनिया कोरोना के सामने घुटने टेक चुकी हैं और डर से छिपी बैठी है, वहीं ये भगवान स्वरूप इंसान कोरोना से लड़ाई में सबसे आगे खड़े हैं। इन्हीं में कुछ लोग ऐसे हैं, जो अपने काम के कारण चर्चाओं में हैं। कोडरमा के मरकच्चो की नर्स संगीता की भी कहानी कुछ ऐसी है कि जो भी सुनता है, उनके काम को सलाम करता है।
पीठ पर बच्चा और सेवा भाव
संगीता का एक 11 महीने का बच्चा है पति य़आईआरबी में पोस्टेड हैं। मां घर में बीमार हैं। ऐसे में वह बच्चे को लेकर नौकरी कर रही हैं.परिवार में कोई दूसरा सदस्य नहीं है, तो ऐसे में संगीता ने फैसला लिया कि वो अवकाश लेने की बजाय अपने बच्चे के साथ ही कोरोना से इस युद्ध में दो-दो हाथ करेंगी। कोडरमा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ग्रेड 1 नर्स संगीता बेटे को पूरा दिन पीठ पर लाते रखती हैं। उसकी देखभाल के साथ-साथ वो वैक्सीन भी लगाती हैं। समय होने पर अन्य कामों को भी करती हैं। उनके इस जज्बे को देखकर हर कोई उनकी तारीफ कर रहा है। उनकी ड्यूटी कोविड वार्ड में है और वह अपने बच्चे को लेकर ड्यूटी कर रही हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.