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उम्र सौ साल पर साड़ियों पर दिखा रही हैं कमाल

Published - Thu 13, Aug 2020

केरल की पद्मावती नायर ने अपनी उम्र को पीछे छोड़ते हुए अपने शौक को एक सफल बिजनेस का रूप दिया और आज सौ साल की पदमावती की पहचान साड़ी वाली दादी के रूप में होती है।

padmavati

नई दिल्ली। एक उम्र के बाद लोगों को लगने लगता है कि शौक पूरे करना या काम करना उनके बस की बात नहीं है। उनकी उम्र हो चली है। जबकि कुछ लोग ऐसे भी होते हैं, जो बढ़ती उम्र से हार नहीं मानते, बस आगे बढ़ते रहते हैं और अपने शौक और जिद को पूरा करते हैं। कुछ ऐसी ही कहानी केरल की पदमावती नायर की भी है। सौ साल की उम्र में पदमावती अपने शौक को बिजनेस का रूप देकर कमा भी रही हैं और लोगों के प्रेरणास्रोत भी हैं। 1920 में जन्मी पद्मावती रोजाना सुबह जल्दी उठ जाती हैं और अखबार पढ़ने, सोशल मीडिया पर समय बिताने के साथ-साथ दस बजे तक अपने काम में लग जाती हैं। वो बड़ी मेहनत से साड़ियों को डिजाइन करती हैं। वह साड़ी के लिए लेआउट बनाती हैं और फिर उसमें रंग भरती हैं। उनकी बेटी और बहुएं उनके लिए साड़ी लाती हैं, जिस पर वह काम करती हैं।

याद नहीं कितनी साड़ियां की हैं तैयार
उम्र का सैंकडा लगा चुकी दादी पदमावती का शौक कई सालों से चल रहा है। साड़ियों को डिजाइन करने के काम को लेकर दादी कहती हैं कि उन्हें याद नहीं कि वो अब तक कितनी साड़ियां तैयार कर चुकी हैं। वह कहती हैं कि वो एक साड़ी को तैयार करने में पूरा एक महीना लगाती हैं, लेकिन उस एक महीने में साड़ी पर कुछ ऐसा डिजाइन करती हैं कि देखने वाले को पहली बार में वो पसंद आ जाए दादी इस काम से कमाए हुए पैसे कभी भी अपने पास नहीं रखती हैं बल्कि अपने नाती-पोतों के लिए खर्च करती हैं। पहली साड़ी उन्होंने साठ साल की उम्र में तैयार की थी और इसे तैयार करने के बदले उन्हें एक ग्यारह हजार रुपये मिले थे और जो  दुपट्टा उन्होंने पहली बार तैयार किया था, उसकी एवज में दादी को तीन हजार रुपये की कमाई हुई थी।

शौक को बनाया व्यवसाय
पदमावती जब साठ साल की हो गईं, तो उनके बेटे और बहुओं ने उन्हें आराम करने की सलाह दी और कहा कि आप मेहनत मत किया कीजिए अब आपकी उम्र हो चली है, लेकिन पदमावती उम्र के इस पड़ाव पर भी कुछ करना चाहती थीं, इसलिए उन्होंने अपने शौक को व्यवसाय बनाने की ठानी और सोचा कि अगर में इस उम्र में कुछ कर सकती हूं तो इसमें बुरा क्या है। साड़ियों को नए डिजाइन देने के लिए दादी इंटरनेट, सोशल मीडिया का इस्तेमाल भी करती हैं। उनका कहना है कि आत्मनिर्भर बनना सबसे अच्छा है, फिर उम्र कोई भी हो।