रायबरेली के महिला थाने में महिला पुलिसकर्मियों ने गरीबों के लिए रसोई बना दी। ड्यूटी करने के साथ-साथ ये महिला पुलिसकर्मी खुद ही अपने हाथों से गरीबों के लिए खाना तैयार करती हैं और फिर इसे लोगों में बांटने का काम भी कर करती है।
ये तस्वीर रायबरेली के एक महिला पुलिस थाने की है। इनको जितनी शाबाशी दी जाए, कम है। क्योंकि ये काम ही कुछ ऐसा कर रही हैं। जी हां, इस समय पूरा देश कोरोना वायरस की महामारी से जूझ रहा है। सब जगह लॉकडाउन है। ऐसे में कई ऐसी तस्वीरें देखने को मिल रही हैं, जिनमें पुलिस की एक अलग ही छवि दिख रही है। पुलिसकर्मी मित्र पुलिस के तौर पर काम करते नजर आ रहे हैं। रायबरेली के महिला थाने में ही इन महिला पुलिसकर्मियों ने गरीबों के लिए रसोई बना दी। उल्लेखनीय ये है कि ड्यूटी करने के साथ-साथ ये महिला पुलिसकर्मी खुद ही अपने हाथों से गरीबों के लिए खाना तैयार करती हैं और फिर इसे लोगों में बांटने का काम भी कर करती हैँ। यही नहीं, घर-घर जाकर लोगों को खाने के लिए और उनकी जरूरत की चीजें भी मुहैया करवा रही हैं। तो फिर ऐसी कर्मठ और दया से भरी इन पुलिसकर्मियों को शाबाशी तो मिलनी ही चाहिए। थानाध्यक्ष संतोष सिंह की देखरेख में इस पूरी व्यवस्था को अंजाम दिया जा रहा है। संतोष सिंह कहती हैं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर कि कोई भुखा नहीं रहना चाहिए, रायबरेली पुलिस इसे पूरा करने में तत्पर है। संतोष बताती हैं कि मीलों-मीलों पैदल चलकर लोग अपने घर को जा रहे हैं] उन तक खाना पहुंचाना पुलिस की भी जिम्मेदारी है। बकौल संतोष, मेरी भी पहली प्राथमिकता यही है कि कोई भूखा न रहे, ये तो हम भारतीयों के संस्कारों में है। ये सेवा है, पुण्य का काम ह और इसके लिए मेरे थाने की हर पुलिसकर्मी इसे अपनी जिम्मेदारी समझ का कर रही है। इसके अलावा रात में भी असहायों को खाना बांटा जाता है तो थानों में ही खाने के पैकेट तैयार हो रहे हैं। दूरदराज के गावों में भी पुलिस एक फोन पर पहुंच रही है। शहर की गलियों से लेकर दूर ग्रामीण अंचलों तक पुलिस की यह मुस्तैदी आम जनमानस में मित्र पुलिस की छवि को जरूर बदल रही है।
उरई की थानाध्यक्षा नीलेश कुमारी भी बनीं मिसाल
इधर, जालौन/उरई की महिला थानाध्यक्षा नीलेश कुमारी भी किसी मसीहा से कम नहीं हैं। वे भी अपने थाने की अन्य पुलिसकर्मियों के साथ जरुरतमंदों को खाना और फल बांटने निकलती हैं। नीलेश कुमारी कहती हैं, लॉकडाउन के दौरान वह भूखे लोगों को अपनी तरफ से खाना खिलाएंगी और इसके लिए वह पूरे 21 दिनों के लिए तैयार है। वह लोगों से घर से न निकालने व उचित दूरी बनाए रखने की भी अपील करती हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.