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पूजा से सीखिए कैसे भीड़ से अलग दिखा जाता है

Published - Wed 27, Jan 2021

पुणे की पूजा लाखों महिलाओं के लिए आज प्रेरणास्रोत हैं। पूजा पुराने टायरों से जूते चप्पल बनाकर कई लोगों को रोजगार देने के साथ-साथ पर्यावरण को भी सुरक्षित कर रही हैं।

puja

नई दिल्ली। भीड़ से अलग दिखने के लिए खुद के लिए नया रास्ता बनाना पड़ता है। अपनी पहचान को सिद्ध करना होता है और अपना मुकाम खुद बनाया जाता है। एक ऐसा मुकाम जहां पहुंचकर आपकी पहचान आम लोगों से अलग हो जाती है। कुछ ऐसा ही मुकाम पुणे की पूजा ने भी बनाया। आज वो खुद से हार मान चुकी लाखों महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। पूजा पुराने टायरों से जूते-चप्पल बनाने का काम करती हैं और लोगों को रोजगार भी दे रही हैं। इस काम के लिए पूजा को हालांकि कई साल लग गए, लेकिन पूजा ने हार नहीं मानी।

पर्यावरण को ध्यान में रखकर शुरू किया काम
पूजा पर्यावरण प्रेमी हैं। उनकी नजर में प्रदूषण भारत में एक गंभीर समस्या है। खराब हो चुके पुराने टायरों को वो पर्यावरण के लिए बेहद गंभीर मानती हैं। ऐसे में इनपर ही काम करने की पूजा ने ठानी। पूजा ने सोचा कि क्यों न इन टायरों को ही किसी ऐसे काम में इस्तेमाल किया जाए कि पर्यावरण भी प्रदूषित न हो और लोगों की जरूरतें भी पूरी होती रहें। लोगों को रोजगार भी मिले और इस तरह से शुरू हुआ पूजा का सफर।
 
सफर था लंबा पर मिली सफलता
पूजा बदामीकर पिछले दो वर्षों से इसपर काम करती रहीं। वो इन पुराने टायरों से चप्पल जूते बनातीं। पर्यावरण के लिए लोगों को जागरुक करतीं। उन्होंने अपने ब्रांड को नाम दिया 'निमिटल' रखा है। उनका मानना है कि आज एक साथ दो-दो काम हो रहे हैं। एक साइड लोगों को फुटवियर उपलब्ध करना और दूसरे साइड पर्यावरण को बचाना। पूजा पोस्ट ग्रेजुएट हैं। 2018 में उन्होंने एक आईटी कंपनी की जॉब छोड़कर इस काम को करने लगी। इस काम के लिए उन्हें पुरस्कार भी मिले हैं।