पूजा ने पढ़ाई के अंतिम वर्ष में अपने दोस्तों के साथ उन बच्चों के लिए खेल मैदान विकसित करने की योजना बनाई, जो कम आय वर्ग वाले समुदाय से आते हैं और जिनकी पहुंच खेल मैदानों तक नहीं थी। उनकी यह कोशिश अब रंग ला रही है।
नई दिल्ली। पूजा कर्नाटक के बंगलूरू में रहती हैं। उन्होंने स्कूली पढ़ाई के बाद आईआईटी, खड़गपुर में आर्किटेक्चर का अध्ययन करने के लिए प्रवेश लिया। पूरा राय की मानें तो सामाजिक कार्यों के प्रति मैं युवावस्था से ही आकर्षित थी। पढ़ाई के अंतिम वर्ष के दौरान मैंने और मेरे चार सहपाठियों ने आसपास के स्कूली बच्चों में खेलने की प्रवृत्ति विकसित करने की योजना बनाई। इसके लिए हमने खराब हो चुकी चीजों का इस्तेमाल करने का फैसला किया। हमने स्कूल में टायर, ड्रम जैसी खराब चीजों से खेल मैदान में साइकिल, झूले आदि बनाए। एक मैदान में सफलतापूर्वक यह काम करने के बाद हमें दूसरे स्कूलों में भी बच्चों की मदद के लिए बुलाया जाने लगा। बेकार चीजों से मैदान में खेलने की चीजें तैयार करने के बाद मैंने और मेरे सहपाठियों ने एंथिल क्रिएशन की शुरुआत की। मैं और मेरी टीम खेल मैदानों या पार्कों को विकसित करने से पहले वर्कशॉप का आयोजन करते हैं, जहां हम लोगों को टायरों के दोबारा उपयोग के तरीके सिखाते हैं। खराब चीजों का उपयोग करने के बाद भी हम सुनिश्चित करते हैं कि पार्क को कम से कम दस साल तक रख-रखाव की कम से कम जरूरत पड़े।
ट्रक टायर का करते हैं इस्तेमाल
हम ज्यादातर निर्माण के लिए ट्रक टायर का इस्तेमाल करते हैं, क्योंकि वे लंबे समय तक चलते हैं। हम धातु का उपयोग भी करते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उपयोग की जाने वाली सभी सामग्री टिकाऊ और बच्चों के लिए सुरक्षित हो।
कचरे को रिसाइकिल करते हैं
तकरीबन चार वर्ष में हमने देश भर में दर्जनों खेल के मैदानों का निर्माण किया है। कई परियोजनाओं में हमने कॉरपोरेट के साथ काम किया है और खेल के मैदानों में वस्तुओं के निर्माण के लिए उनके उत्पादित कचरे को रिसाइकिल किया है।
कम आय वर्ग के बच्चों पर ध्यान
हम कम आय वाले समुदायों के बच्चों के लिए खेल मैदान विकसित करते हैं। बच्चों से बात कर हम यह जानने की कोशिश करते हैं कि खेल के मैदान में वे क्या-क्या चाहते हैं। हम खाली पड़े स्थानों को भी खेल मैदान में विकसित करते हैं। हम ज्यादातर कंपनियों की सीएसआर पहल से धन प्राप्त करते हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.