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प्रगति ने हाथ खोए लेकिन हिम्मत नहीं

Published - Sun 04, Apr 2021

मुरादाबाद की प्रगति ने एक घटना में अपने दोनों हाथ खो दिए, लेकिन हिम्मत नहीं खोई। आज वो अन्य लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत हैं।

   Pragati

नई दिल्ली। अक्सर लोग जरा सी परेशानी से हार मान लेते हैं और टूट जाते हैं। सोचने लगते हैं कि अब जिंदगी में कुछ बचा नही है। इससे उलट कुछ ऐसे लोग भी होते हैं, जो मुसीबतों से डरते नहीं, उनका डटकर सामना करते हैं। इन्हीं लोगों में से एक हैं मुरादाबाद की प्रगति। प्रगति के दोनों हाथ नहीं हैं, लेकिन उनके इरादे और हौसले दोनों बुलंद हैं।

करंट लगने के कारण खो दिए हाथ
प्रगति ने साल 2010में एक दुर्घटना में अपने दोनों हाथ गंवा दिए। बिजली के करंट से हुए हादसे में उनको इससे जूझना पड़ा। बुरी तरह घायल हाथों को काटना पड़ा। हाथ कट गए, तो परिवार को लगा कि प्रगति टूट जाएगी, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। घटना से उबरने में उन्हें समय तो लगा, लेकिन अपनी मेहनत और हिम्मत के कारण उन्होंने अपन जिंदगी को पटरी पर लाना शुरू किया। आज प्रगति बाकी लोगों की तरह अपने हाथों से लिख भी लेती हैं, कंप्यूटर चला लेती हैं, रोजमर्रा के छोटे-मोटे काम निपटा लेती हैं और उनका ये प्रयास दूसरों को प्रेरणा देता है।

छोटे बच्चों को देती हैं शिक्षा
प्रगति अपना खर्च खुद निकालती हैं, वो इसके लिए परिवार पर निर्भर नहीं हैं। वो छोटे बच्चों को ट्यूशन देती हैं। इससे होने वाली कमाई से वो अपने खर्चे पूरे करती हैं। प्रगति का सपना गर्वमेंट जॉब में जाना है और वो खुद बैंक के एंट्रेस एग्जाम की तैयारी कर रही हैं। आज प्रगति बहुत से लोगों के लिए मिसाल बन कर सामने आई है। प्रगति सिखाती हैं कि अगर आपके पास हिम्मत है तो आपके पास सब कुछ है और इसी हिम्मत से आप जीत हासिल कर सकते हैं।