अगर आप में काबिलियत है तो सफलता खुद-ब-खुद पीछे आएगी। यह बात तो आपने कई बार सुनी होगी, लेकिन यह एकदम सटीक बैठती है राजस्थान के सीकर जिले के एक छोटे से गांव सीहोट में रहने वालीं किसान की बेटी प्रमिला नेहरा पर। नेहरा ने पांच साल में 9 सरकारी नौकरियां हासिल कीं, लेकिन अपना सपना पूरा करने के लिए सभी को ठुकरा दिया। प्रमिला बचपन से ही कलेक्टर बनना चाहती हैं। इसी सपने को पूरा करने के लिए वह एक के बाद एक सरकारी नौकरियों को छोड़ रही हैं। वह यूपीएससी क्लीयर करने के लिए दिन-रात मेहनत कर रही हैं। वह दो बार प्री क्लीयर भी कर चुकी हैं। प्रमिला को उम्मीद है कि जल्द ही वह अपने सपने को हकीकत में बदल देंगी। आइए जानते हैं प्रमिला नेहरा के बारे में ...
नई दिल्ली। प्रमिला नेहरा (Pramila Nehra) सीकर जिले के सीहोट गांव की रहने वाली हैं। वह बचपन से ही आईएएस बनना चाहती हैं। उन्हें कलेक्टर की नौकरी काफी आकर्षित करती हैं। वह कलेक्टर बन समाज की सेवा करना चाहती हैं। वह इसके लिए भरपूर प्रयास भी कर रही हैं। शादी के बाद भी उन्होंने अपनी तैयारी नहीं छोड़ी। इसी का नतीजा है कि शादी के पांच साल के भीतर उन्होंने एक नहीं, बल्कि 9 सरकारी नौकरियां हासिल की, लेकिन आईएएस बनने के लिए सभी को ठुकरा दिया। उनकी लगन और लगातार मिल रही सफलता को देखते हुए मायके और ससुराल वाले भी उनका पूरा सहयोग व उत्साहवर्धन कर रहे हैं। प्रमिला ने सबसे पहले 2015 में तृतीय श्रेणी भर्ती परीक्षा में राज्य भर में 28वीं रैंक प्राप्त हासिल की। इसके बाद 2017 में आरपीएससी की सेकंड ग्रेड शिक्षक भर्ती परीक्षा में राज्य भर में 22वीं रैंक हासिल कर एक और सरकारी नौकरी हासिल की। इसके बाद भी वह रुकी नहीं और 2018 में राज्य लोक सेवा आयोग (आरपीएससी) की ओर से आयोजित स्कूली व्याख्याता भर्ती परीक्षा में फिर सफल हुईं और राज्य में 9वीं रैंक हासिल की। फिर उन्होंने राजस्थान पुलिस में कांस्टेबल भर्ती परीक्षा, पटवारी भर्ती परीक्षा, ग्राम सेवक भर्ती परीक्षा, एसएससी जीडी, राजस्थान उच्च न्यायालय लिपिक भर्ती व आरपीएससी लिपिक भर्ती, महिला एवं बाल विकास विभाग की महिला पर्यवेक्षक भर्ती परीक्षा व सीटेट में भी सफलता का परचम लहराया।
संसाधनों की कमी, फिर भी नहीं रुकीं प्रमिला
प्रमिला नेहरा का जन्म एक बेहद साधारण किसान परिवार में हुआ था। उनके पिता राजकुमार नेहरा एक किसान हैं, जबकि मां मनकोरी देवी गृहिणी हैं। संसाधनों की कमी के बावजूद भी प्रमिला अपनी लगन और मेहनत से लगातार सफलता की राह पर बढ़ती रहीं। परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी नहीं होने के कारण प्रमिला की शादी कर दी गई। ससुराल में भी उन्होंने अपनी तैयारी जारी रखी। पति और ससुराल वालों ने पूरा सहयोग किया। इस कारण शादी के बाद उन्होंने पांच साल के भीतर 9 परीक्षाएं पास कर सरकारी नौकरियां हासिल कीं।
घरेलू जिम्मेदारी के साथ जारी रखी तैयारी
शादी के बाद आमतौर पर लड़कियां घर-परिवार की जिम्मेदारियों में उलझ कर रह जाती हैं और अपने कॅरियर पर फोकस नहीं कर पातीं। लेकिन प्रमिला शादी के बाद अपनी सारी जिम्मेदारियों को निभाते हुए सफलता हासिल की। प्रमिला के इस सफर में उनके परिवार और पति राजेंद्र रणवां ने काफी सहयोग दिया। प्रमिला के पति राजेंद्र बोदलासी के रहने वाले हैं और दिल्ली पुलिस में कार्यरत हैं। शादी के बाद प्रमिला को पति और सास-ससुर का भरपूर सहयोग मिला। प्रमिला के भाई महेश नेहरा जो राजस्थान पुलिस में कार्यरत हैं, उन्होंने प्रमिला का बेहतर ढंग से मार्गदर्शन किया।
तैयारी के दौरान रोजाना चलना पड़ता था छह किलोमीटर
प्रमिला ने बताया की तैयारी के दौरान वह रोजाना अपने गांव से 3 किलोमीटर दूर स्थित बस स्टैंड तक पैदल चलकर जाती थीं। लौटते वक्त भी पैदल ही आना पड़ता था। रास्ते में लगने वाले समय का भी प्रमिला बखूबी इस्तेमाल करती थीं। वह कोचिंग में पढ़ाए गए टॉपिक का रास्ते में दोहराव करती रहती थीं। फिलहाल प्रमिला आईएएस की तैयारी में जुटी हैं। प्रमिला ने अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन किया है।
सोशल मीडिया से खुद को रखती हैं दूर
प्रमिला ने परीक्षा की तैयारी के दौरान खुद को सोशल मीडिया से पूरी तरह दूर रखा। उन्होंने अपने फोन से व्हाट्सएप भी हटा दिया, ताकि उनका समय खराब न हो। सिर्फ घरवालों के साथ बातचीत करने के लिए वह एक कीपैड वाले फोन का इस्तेमाल करती थीं। वह तैयारी के लिए फोन के बदले सिर्फ किताबों से जुड़ी रहीं।
प्रमिला की मिल चुकी हैं ये सरकारी नौकरी
1 एसएससी जीडी
2. राजस्थान पुलिस
3. महिला सुपरवाइजर
4. एलडीसी
5. ग्राम सेवक
6. पटवारी
7. थर्ड ग्रेड टीचर
8. वरिष्ठ शिक्षिका
9 . फर्स्ट ग्रेड टीचर (वर्तमान में वह इसी नौकरी को कर रही हैं।) इसके अलावा प्रमिला राज्य की सीटेट और दो बार आरएएस प्री भी पास कर चुकी हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.