फरीदकोट के गांव घुमियारा में 8वीं और 9वीं कक्षा की छात्रा प्रभजोत व आकाशदीप ने संभाली घर की जिम्मेदारी, दोनों बहनों की हिम्मत की मिसाल देते हैं गांव वाले।
नई दिल्ली। कोरोना संकट की इस घड़ी में रोजगार का संकट लोगों के सामने है। खेती-किसानी से लेकर व्यवसाय तक सब ठप्प पड़ा हुआ है। इस संकट के समय में पंजाब के फरीदकोट की बेटियों ने पढ़ाई के साथ-साथ अपने पिता की मदद करने की ठानी और खुद खेतों की ओर निकल गईं। बेटियों ने देखा कि परिवार के सामने रोजी-रोटी का संकट उत्पन्न हो गया है, तो वो पिता के साथ खड़ी हो गईं। खेतों में धान लगाया, साथ ही ऑनलाइन पढ़ाई भी की। फरीदकोट के गांव घुमियारा की प्रभजोत कौर और आकाशदीप कौर इसे साबित कर रही हैं। गरीबी और बेरोजगारी से जूझ रहे पिता का एक ही सपना है कि बेटियां ऊंची उड़ान भरें ताकि उनका जीवन संवर सके।
पिता की नौकरी गई तो मजदूरी की
प्रभजोत गांव के ही सरकारी मिडल स्कूल में 8वीं की छात्रा हैं, जबकि आकाशदीप 9वीं की। संक्रमणकाल में स्कूल तो बंद हुए ही, पिता बूटा सिंह का काम भी जाता रहा। बूटा सिंह कोरोना काल से पहले मैरिज पैलेस में नौकरी कर अपने परिवार की आजीविका चला रहे थे। मैरिज पैलेस का धंधा ठप हुआ तो बूटा सिंह के सामने परिवार को चलाने की चुनौती आ गई। धान का सीजन शुरू हुआ तो खेतों में मजदूरी की। खेत में मजदूरी कर अकेले चार बच्चों वाले परिवार की आजीविका मुश्किल थी। ऐसे में प्रभजोत कौर और आकाशदीप कौर पिता के साथ मुश्किल समय से जूझ पड़ीं। खेतों में धान की पनीरी लगाई। खेत में मजदूरी करते हुए ही ऑनलाइन पढ़ाई करती हैं। एक ही मोबाइल से वर्चुअल क्लास बारी-बारी से ज्वाइन करती हैं और ऑनलाइन टेस्ट भी देती हैं।
पिता को है गर्व
गांव के ही सरकारी स्कूल से तीसरी कक्षा तक शिक्षित पिता बूटा सिंह बेटियों की लगन व समर्पण देख भावुक हो जाते हैं। बूटा सिंह चाहते हैं कि उनकी बेटियां उच्च शिक्षा हासिल कर अपने पैरों पर खड़ी हों। इसके लिए वह हर मुश्किल का सामना करने को तैयार हैं। प्रभजोत व आकाशदीप की बड़ी बहन फरीदकोट के घुद्दुवाला में संत बाबा राम सिंह कॉलेज में बीकॉम फाइनल ईयर की छात्रा हैं। छोटा भाई लखविंदर सिंह गांव के ही सरकारी प्राइमरी स्कूल में पांचवीं कक्षा में पढ़ता है। बूटा सिंह कहते हैं कि वह तो गरीबी की मार के चलते शिक्षा हासिल नहीं कर पाए, लेकिन उन्होंने स्वाध्याय को कभी नहीं छोड़ा। पिता गर्व से बताते हैं कि उनकी बेटियां उनका सहारा हैं। खेतों में मजदूरी के साथ घर का काम भी संभालती हैं। होनहार है प्रभजोत कौर : पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड के मीडिया कोआर्डिनेटर हरदीप सिद्धू बताते हैं कि प्रभजोत घुमियारा के सरकारी मिडिल स्कूल की होनहार स्टूडेंट हैं। पढ़ाई के साथ-साथ स्कूल की अन्य गतिविधियों में भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लेती हैं।
बच्चियों का संवारेंगे भविष्य
फरीदकोट के जिला शिक्षा अधिकारी सेकेंडरी परमिंदर सिंह बराड़ व स्कूल के इंचार्ज हरबरिंदर सिंह सेखों कहते हैं कि उन्हें इस बात का गर्व है कि ये होनहार बच्चियां उनके स्कूल की विद्यार्थी हैं। इनका कहना है कि बच्चियों की शिक्षा में किसी तरह की रुकावट नहीं आने दी जाएगी। इनके भविष्य के लिए हर संभव प्रयास किया जाएगा।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.