वैश्विक महामारी कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश में लॉकडाउन है। ऐसे में लोगों को जीवन की बड़ी से बड़ी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। ऐसे ही हालात में जब एक स्टाफ नर्स पति के अंतिम दर्शन की अनुमति के लिए पास बनवाने डीएम कार्यालय पहुंची तो उन्हें देखकर सबकी आंखें नम हो गईं। लोगों ने कहा कि इनसे बड़ा कोरोना योद्धा कोई हो ही नहीं सकता।
नई दिल्ली। अभी तक आपने सिर्फ यही सुना या देखा होगा कि लोग प्रशासन की मदद से पास बनवाकर अपने घर जा रहे हैं, लेकिन जब एक नर्स अपने पति की मौत के बाद पास बनवाने जिलाधिकारी कार्यालय पहुंची तो हर कोई उनको नम आंखों से देखता नजर आया। मामला सहारनपुर का है।
स्टाफ नर्स हैं राजेन्द्र कौर
राजेन्द्र कौर महिला राजकीय मेडिकल कॉलेज सहारनपुर में स्टाफ नर्स हैं। उनके पति रमन की दोनों किडनी खराब हो गई थी। उनका लुधियाना में इलाज चल रहा था। 13 मई की रात को वहीं पर उनके पति का निधन हो गया लेकिन पास न होने की वजह से राजेंद्र नहीं जा पाईं।
लुधियाना में हुई पति की मौत
लुधियाना जाने के लिए उनके पास कोई व्यवस्था नहीं थी, लेकिन पड़ोसी अपनी कार से ले जाने को तैयार हो गए, लेकिन लॉकडाउन में अनुमति की जरूरत है। ऐसे में स्टाफ नर्स नम आंखों से जिलाधिकारी कार्यालय पहुंचीं और लॉकडाउन में पास दिए जाने की अनुमति मांगी। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि उनके लुधियाना पहुंचने के बाद ही पति का अंतिम संस्कार होगा। बेटा भी उनके साथ ही है, इसलिए मार्मिक अनुरोध है कि पति के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए उन्हें पास दिया जाए। इसके बाद जिलाधिकारी अखिलेश सिंह के कार्यालय से ऑनलाइन पास का आवदेन कराकर पास जारी किया गया। फिर महिला को लुधियाना भेज दिया गया। इस घटना से हर किसी की आंखें नम हो गईं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.