हाथरस केस में पीड़िता के घर राजकुमारी बंसल नाम की एक महिला फर्जी भाभी बनकर रह रही थीं। इस बात की जानकारी तब हुई है, जब उसके जान-पहचान वालों ने उसे टीवी पर इस मामले में बयानबाजी करते देखा। इस पर अब जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन ने नोटिस देकर जवाब मांगा है, जहां वह नौकरी करती है।
नई दिल्ली। शनिवार को हाथरस कांड में मीडिया में रिपोर्ट आई कि गैंगरेप पीड़िता के घर एक फर्जी रिश्तेदार बनकर एक महिला रह रही थी। महिला के ऊपर नक्सली होने और परिवार को सरकार के खिलाफ भड़काने के आरोप लगाए गए। इन सबके बीच सोशल मीडिया पर #Fake Naxal Bhabhi भी ट्रेंड होने लगा। इसके बाद यह फर्जी भाभी चर्चा का विषय बन गई। इसके बाद महिला ने खुद मीडिया के सामने आकर अपनी पहचान बताई और कहा है कि वह परिवार से एकजुटता दिखाने गई थी।
क्या है पूरा मामला
सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में महिला सीपीएम और सीपीआई नेताओं से बात करती दिख रही थी। इसी आधार पर दावा किया गया कि महिला का नक्सल कनेक्शन है। महिला की पहचान डॉ. राजकुमारी बंसल (41) के रूप में हुई थी, जो मध्य प्रदेश के जबलपुर की रहने वाली है। वह नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के फर्माकॉलजी विभाग में लेक्चरर है। महिला ने बताया कि वह पीड़िता के परिवार से मिलने हाथरस गई थी और 6 अक्टूबर को जबलपुर लौट आई।
नोटिस जारी
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, महिला की तस्वीर और वीडियो सोशल मीडिया में सामने आने के बाद से जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन पीके कसार ने नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है। कसार ने कहा है कि एक शासकीय सेवक के किसी भी तरह के आंदोलन में शामिल होने को कदाचार माना जाएगा।
पुराना नोटिस भी होने लगा वायरल, पहले भी विभाग से बिना सूचना दिए रह चुकीं हैं गायब
कसार ने बताया कि बंसल को पहले नोटिस भेजा गया है। इसके बाद उनके खिलाफ शासन के नियमों के मुताबिक कार्रवाई भी की जाएगी। इस बीच राजकुमारी बंसल के खिलाफ पूर्व में जारी प्रशासन का एक नोटिस भी वायरल हो रहा है। तब वह डिंडौरी जिला चिकित्सालय में तैनात थीं। साल 2015 में मध्य प्रदेश स्वास्थ्य विभाग के अपर संचालक (प्रशासन) शैलबाला मार्टिन द्वारा जारी इस नोटिस में बताया गया है कि वह लंबे समय तक बिना कारण बताए ड्यूटी से अनुपस्थित थीं।
राजकुमारी खुद को बता रही निर्दोष
बतौर राजकुमारी, मैं केवल परिवार से एकजुटता दिखाने गई थी। मैं अगले दिन ही वापस आना चाहती थी लेकिन परिवार ने मुझसे रुकने की गुजारिश की। आज मैं हैरान हूं। लोग बिना किसी सबूत के किसी को कैसे नक्सली बोल सकते हैं?' खैर सच्चाई तो समय के साथ सामने आ ही जाएगी फिलहाल इस फर्जी भाभी की हर तरफ चर्चा है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.