कर्नाटक की रहने वाल रश्मि सामंत ने ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी के छात्र संघ का चुनाव लड़ा और जीता। फिर नस्ली टिप्पणी के आरोपों के चलते पद से देना पड़ा इस्तीफा
नई दिल्ली। ऑकसफॉर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ना लगभग हर भारतीय छात्र का सपना होता है,लेकिन किसी भारतीय का इस यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनाव में जीत हासिल करना और अध्यक्ष बनना किसी बड़े सपने के पूरे होने जैसा है। लेकिन भारतीय मूल की रश्मि सामंत ने इस इतिहास को लिखा और जीत दर्ज की। हाल ही में रश्मि ने नस्ली टिप्पणी के आरोपों के चलते पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन रश्मि का कहना है कि वह हारी नहीं है, सफर जारी रहेगा।
ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी स्टूडेंट यूनियन की पहली भारतीय महिला अध्यक्ष निर्वाचित होकर इतिहास बनाने वालीं रश्मि सामंत भारतीय मूल की हैं।
वत्सला और दिनेश सामंत की बेटी रश्मि ने मणिपाल और उडुपी से अपनी स्कूलिंग की। उनके पिता दिनेश परकला में बिजनसमैन हैं जबकि मां वत्सला हाउसवाइफ हैं। उन्होंने मणिपाल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी मणिपाल में स्नातक की पढ़ाई पूरी की। रश्मि एमआईटी, मणिपाल में स्टूडेंट काउंसिल की तकनीकी सचिव रह चुकी हैं। रश्मि की यह उपलब्धि इसलिए भी खास है, क्योंकि वो इस पद पर काबिज होने वाली पहली भारतीय महिला हैं. रश्मि को इस चुनाव में कुल 3708 वोट में से 1966 वोट प्राप्त हुए। रश्मि ऑक्सफॉर्ड यूनिवर्सिटी के लिनाक्रे कॉलेज में एमएससी एनर्जी सिस्टम की स्टूडेंट हैं। मगर उनकी स्कूली पढ़ाई भारत में ही हुई।
मैंटल हेल्थ पर काम करना चाहती हैं रश्मि
रश्मि मैंटल हेल्थ पर काम करना चाहती हैं। उनका कहना है कि ये समाज की सबसे बड़ी समस्या है। वह होमोफोबिया और ट्रांसफोबिया जैसी बीमारियों से लड़ना चाहती हैं। उनका कहना है कि विश्व में क्लाइमेट चेंज भी गंभीर समस्या है, उनका काम इस दिशा में भी चलता रहेगा।
दिया इस्तीफा
पहली भारतीय महिला अध्यक्ष निर्वाचित होकर इतिहास बनाने वालीं रश्मि सामंत ने अपनी पूर्व की कुछ टिप्पणियों के कारण विवाद के बीच पद से इस्तीफा दे दिया है। 2017 में जर्मनी में बर्लिन होलोकास्ट मेमोरियल की यात्रा के दौरान एक पोस्ट में नरसंहार से जुड़ी टिप्पणी और मलेशिया की यात्रा के दौरान तस्वीर को चिंग चांग शीर्षक देने से जुड़ा विवाद है, जिससे चीन के छात्र नाराज हो गए।सामंत ने कहा कि हालिया घटनाक्रम से आपको मेरी क्षमा याचना पर शायद यकीन ना हो लेकिन मुझे यह लिखते हुए बहुत दुख हो रहा है कि मैंने छात्र समुदाय का भरोसा खो दिया है जिन्होंने मुझे वोट दिया था और मेरे घोषणापत्र में विश्वास जताया था। उन्होंने कहा कि मैं सभी छात्रों से माफी मांगती हूं और अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे रही हूं, लेकिन छात्रों के लिए मेरी लड़ाई जारी रहेगी।
साम्राज्यवादियों की मूर्ति हटाने की पैरवी की थी
अपने मेनिफेस्टो के अनुसार, रश्मि यूनिवर्सिटी और कॉलेज कॉन्फ्रेंस से उन सभी पर्सनैलिटीज की मूर्तियों को हटाने की पैरवी करने का इरादा रखती हैं जो साम्राज्यवादी थे। इनमें क्रिस्टोफर कॉडरिंगटन भी शामिल हैं। रश्मि ने महामारी खत्म होने तक रिहायशी जरूरतों को माफ करने की मांग भी की है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.