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बेसहारा बच्चों का सहारा बनीं कांस्टेबल रेहाना, पढ़ाई-खाने का उठा रहीं खर्च

Published - Fri 25, Jun 2021

कोरोना की दूसरी लहर ने देश के लाखों परिवारों को प्रभावित किया है। लॉकडाउन के कारण कारोबार ठप पड़ने से कई परिवारों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। महामारी ने हजारों बच्चों के सिर से उनके माता-पिता दोनों या इनमें से किसी एक का साया छीन लिया है। तंगहाली में गुजर-बसर कर रहे परिवारों के सामने अब बच्चों के भविष्य को संवारने की चुनौती है। इन्हीं चुनौतियों से दो-चार हो रहे गरीब परिवारों के 50 बच्चों की मदद के लिए आगे आईं हैं मुंबई पुलिस की कांस्टेबल रेहाना शेख। उन्होंने इन बच्चों को गोद लेते हुए उनके रहने, खाने और पढ़ने की पूरी जिम्मेदारी उठाई है।

नई दिल्ली। मुंबई पुलिस में बतौर कांस्टेबल तैनात रेहाना शेख का वेतन भले ही कम हो, लेकिन उनका दिल काफी बड़ा है। कोरोना संकट के दौर में जब लोग अपनों से किनारा करने से नहीं चूक रहे थे, तब रेहाना ने 50 गरीब-बेसहारा बच्चों का सहारा बनने का फैसला किया। उन्होंने मुंबई के स्कूल में पढ़ने वाले 50 बच्चो को गोद लिया है। साथ ही कक्षा 10वीं तक इन सभी बच्चों की पढ़ाई का खर्च उठाने का भी फैसला किया है। रेहाना के इस कदम की उनके विभाग के अफसर भी काफी तारीफ कर रहे हैं। मुंबई पुलिस कमिश्नर इस काम के लिए रेहाना को सर्टिफिकेट देकर सम्मानित कर चुके हैं। रेहाना ने कोरोना कर्फ्यू के दौरान पूरी निष्ठा से अपनी नौकरी करने के साथ महामारी से पीड़ित लोगों की मदद भी की है। उन्हें खाना देने से लेकर अस्पताल पहुंचाने तक का इंतजाम रेहाना ने किया है।    
 
दोस्त ने दिखाई स्कूल की तस्वीर, तो बच्चों की मदद का लिया फैसला 

रेहाना के मुताबिक उन्हें बच्चों की मदद की प्रेरणा उनके एक दोस्त से मिली। वह बताती हैं कि मेरे दोस्त ने एक दिन मुझे एक स्कूल की तस्वीर दिखाई। तस्वीर में वहां पढ़ने वाले बच्चों की हालत देख मुझे काफी खराब लगा। उसी समय मैंने बच्चों की मदद करने का फैसला कर लिया। इसके कुछ दिन बाद ही रेहाना अपने दोस्त के साथ उस स्कूल के करीब ही रहने वाले उन बच्चों के घर पहुंचीं और मदद का भरोसा दिलाते हुए 50 बच्चों की पढ़ाई, खाने, रहने का पूरा खर्च उठाने का फैसला लिया।  

पिता भी थे पुलिस में, रेहाना को कहते हैं 'मदर टेरेसा'

रेहाना के पिता अब्दुल नबी भी मुंबई पुलिस से रिटायर हुए हैं। वह रेहाना के कार्यों की हमेशा प्रशंसा करते हैं। बेटी के मददगार स्वभाव को देखते हुए वह रेहाना को 'मदर टेरेसा' कहकर बुलाते हैं। रेहाना एथलीट और वॉलीबॉल खिलाड़ी भी हैं। उन्होंने साल 2017 में श्रीलंका में मुंबई पुलिस फोर्स का प्रतिनिधित्व किया था। इस दौरान उन्होंने दो गोल्ड और एक सिल्वर मेडल भी फोर्स के लिए जीता था।