बिहार सरकार में पहली बार दो उपमुख्यमंत्री बने हैं, इसमें भाजपा की रेणु देवी का नाम भी शामिल है। नोनिया समुदाय से आने वाली रेणु देवी कभी बीमा एजेंट का काम करती थीं, लेकिन अपनी मेहनत और लगन से वो शिखर पर पहुंच गईं।
नई दिल्ली। राजनीति अब सिर्फ पुरुषों की बपौती नहीं रह गई है। अब महिलाएं भी राजनीति में अपने जौहर दिखा रही हैं। नगर निगम से लेकर देश के राष्ट्रपति बनने तक में महिलाएं आगे हैं। ऐसी ही एक महिला हैं रेणु देवी, जो बिहार सरकार में उपमुख्यमंत्री बनी हैं। अपनी मेहनत के कारण ही उन्होंने बेतिया विधानसभा क्षेत्र में चौथी बार चुनाव जीता। राज्य की महिला बीजेपी की अध्यक्ष रह चुकीं रेणु देवी अति पिछड़ा वर्ग नोनिया जाति से आती हैं। बिहार सरकार में महत्वपूर्ण पद पर बैठने वाली रेणु सिंह ने दिखा दिया है कि अगर हौसला रखें और मेहनत करें तो महिलाएं किसी भी मुकाम को आसानी से हासिल कर सकती हैं।
परेशानियों को हराकर आगे बढ़ीं रेणु
रेणु देवी आज ऊंचे पद पर हैं, लेकिन उनको ये ताज यूं ही नहीं मिला। इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। परेशानियों से जूझना पड़ा, मुसीबतों को हराया और आज वो सफल हैं। जब रेणु के दो छोटे बच्चे थे, तो उसी समय पति का देहांत हो गया। ऐसे में परिवार को चलाने के लिए उन्होंने बेतिया में बीमा एजेंट के तौर पर काम करना शुरू किया। शुरू से ही वीएचपी की तरफ झुकाव होने के कारण व उससे जुड़ गईं। काम के साथ-साथ राजनीति भी शुरू की और 1991 में वीएचपी की दुर्गा वाहिनी की जिला अध्यक्ष बनीं। इसके बाद वह बीजेपी से जुड़ीं और चंपारण में महिला विंग की जिम्मेदारी संभाली। इसको सफलतापूर्वक निभाने के बाद उन्हें बिहार राज्य की महिला विंग की अध्यक्ष बना दिया गया। पहली बार 1995 में भाजपा के टिकट से मैदान में उतरीं, लेकिन मामूली अंतर से चुनाव हार गईं। सन 2000 में दोबारा बेतिया विधानसभा सीट से चुनाव मैदान में उतरीं और जीतीं। वह 2005, 2010 में इसी सीट से चुनाव जीतीं। रेणु देवी पिछले विधानसभा चुनाव में महागठबंधन के उम्मीदवार से चुनाव हार गई थीं, पर राज्य बीजेपी में उनका ओहदा पहले जैसा ही था। 2020 में फिर चुनाव जीतकर उन्होंने दिखा दिया कि वो आज भी लोकप्रिय हैं। वे वर्ष 2014 से राज्य बीजेपी के उपाध्यक्ष के तौर पर भी कार्यरत हैं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.