मुंबई रितु राठी तनेजा एक सफल पायलट, एक यू ट्यूबर और रितु आज एक सफल वुमेन हैं और उन महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं, जो जरा सी परेशानियों से ही हार मान लेती हैं और सपने देखना छोड़ देती हैं।
मुंबई। हमारे समाज में होता है कि बेटी जरा की बड़ी क्या हुई उसके घरवालों से ज्यादा चिंता पास-पड़ोस और रिश्तेदारों को होने लगती है। मुंबई की रितु राठी तनेजा के साथ भी यही कहानी थी। परिवार उनको अच्छी शिक्षा ग्रहण करवा रहा था, तो रिश्तेदारों को चिंता होने लगी और परिवार पर शादी का दबाव बनाने लगे। रितु स्कूल के दिनों से ही पायलट बनना चाहती थीं और इसी दिशा में उन्होंने पढ़ाई शुरू की और पायलट की पढ़ाई शुरू की। इसी बीच शादी को लेकर परिवार का दबाव आया तो रितु ने परिवार वालों से कहा कि जितना खर्च उनकी शादी में करेंगे उतना पैसा उन्हें अमेरिका भेजने में खर्च कर दें, वो उनको निराश नहीं करेंगी। रितु ने अमेरिका में पायलट की ट्रेनिंग के लिए अप्लाई किया और उनका सलेक्शन हो गया। परिवार ने भी बेटी के आगे अपना इरादा बदल दिया और बेटी को अमेरिका भेज दिया। रितु ने जाते समय परिवार वालों से कहा कि विश्वास रखिए, एक दिन आपको मुझपर गर्व महसूस होगा।
मुसीबत से नहीं हारीं
अमेरिका में डेढ़ साल रहने और ट्रेनिंग करने के बाद रितु इंडिया वापिस लौट आईं, लेकिन इतनी मेहनत करने के बाद भी उनके हाथ निराशा ही लगी। इंडिया लौटने के बाद उन्हें नौकरी नहीं मिली। इस बीच मां की ब्रेन हेमरेज से मौत हो गई। परिवार परेशानियों में घिर गया और कर्ज में डूब गया। एक नौकरी नहीं ऊपर से मां की मौत और परिवार में कर्जा रितु को मुसीबतों ने घेर लिया। ऊपर से रिश्तेदारों ने ताना मारना शुरू कर दिया कि और भेजो विदेश मिल गई नौकरी। रितु ने हार नहीं मानी और एक छोटी नौकरी शुरू की और रोजाना पांच से सात घंटे तक पढ़ाई भी करतीं। इसी बीच एक दिन उनके पास एक लैटर आया, जो एक एयरलाइंस का था, जिसमें उनको को-पायलट की नौकरी ऑफर की थी। ये देख रितु की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। नौकरी के चार साल में रितु की मेहनत रंग लाई और वो कैप्टन बन गईं। जॉब के दौरान ही एक पायलट से रितु को प्यार हुआ और दोनों ने शादी कर ली।
एक सफल यूट्यूबर और सफल मां
रितु सफल युट्यूबर है और इनके 30 लाख से भी ज्यादा फॉलोअर्स हैं। उनकी दो साल की एक बेटी भी है, जिसका वो पूरा ख्याल रखती हैं और अपनी नौकरी और शौक के साथ-साथ बच्ची को भी पूरा समय देती हैं। रितु कहती हैं कि मुसीबतों से हारकर कुछ फायदा नहीं होता । हमें तो उनसे सीखना चाहिए और उनके द्वारा ही आगे की राह खोजनी चाहिए। आज मुझे फक्र है कि मैंने पिता से किया हुआ वादा पूरा किया और अपने सपनों को जी रही हूं।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.