2000 बैच की आईपीएस डी रूपा मौदगिल कर्नाटक की पहली महिला गृह सचिव बनी हैं। अपने जीवन में तमाम उतार-चढ़ाव देते हुए रूपा ने सफलता को चूमा और दिखा दिया कि हौसले के आगे सबकुछ मुमकिन है।
नई दिल्ली। कर्नाटक के आईपीएस अफसरों में रूपा दिवाकर मौदगिल एक चर्चित नाम हैं। बैंगलोर विश्वविद्यालय से मनोनविज्ञान में स्नातकोतर करने वाली रूपा एक अच्छी गायिका भी हैं। हाल ही में उन्हें कर्नाटक की महिला महिला गृह सचिव बनाया गया है। उनकी सफलता यूं ही नहीं मिली, इसके पीछे भी उनकी लगन और कड़ी मेहनत है। भारतीय पुलिस सेवा अधिकारियों के बीच एक लोकप्रिय चेहरा हैं। रूपा दिवाकर, दावणगेरे में पैदा हुई थीं। उनके पिता जे एच दिवाकर एक सेवानिवृत्त इंजीनियर हैं। बचपन से ही पढ़ने लिखने में होनहार रूपा ने जब होश संभाला तो हमेशा आईएएस बनने का सपना देखा। धीरे-धीरे वह कॉलेज तक पहुंची और कुवेम्पु विश्वविद्यालय कर्नाटक में प्रवेश लिया और यहां भी अपनी कुशलता का परिचय दिया। स्नातक पूरी करने वाली रूपा ने स्नातक में बेस्ट स्टूडेंट के तौर पर गोल्ड मेडल हासिल किया। इसके बाद वह बैंगलोर चली गईं और मनोविज्ञान में पीजी किया। चूंकि आईएएस बनना उनके बचपन का सपना था, तो रूपा ने इस दिशा में प्रयास शुरू किया और 2000 में अखिल भारतीय रैंक 43 के साथ यूपीएससी परीक्षा उत्तीर्ण की। प्रशिक्षण के दौरान उनका हर काम बेहतर रहा और बैच में उनको पांचवां स्थान मिला। उनको कर्नाटक कैडर मिला। पहली पोस्टिंग उन्हें कर्नाटक के धारवाड़ जिले में मिली । बेंगलुरू जाने से पहले, उन्होंने गदग जिले, बीदर और आखिर में यादगीर जिले में एसपी के रूप में कार्य किया।
हमेशा चर्चाओं में रहीं रूपा
रूपा 2007 में जब चर्चाओं में आईं, जब उन्होंने पूर्व केंद्रीय मंत्री उमा भारती को गिरफ्तार करने में भूमिका निभाई थी। 2008 में पूर्व मंत्री यावगल को गिरफ्तार कर सुर्खियां बटोरीं। 2013 में रूपा का नाम फिर अखबारों में छाया रहा, जब वह साइबर अपराध पुलिस स्टेशन की प्रमुख बनी और ऐसा करने वाली वो देश की पहली महिला पुलिस अधिकारी थीं। वह इजरायल के विदेश मंत्रालय द्वारा दोनों देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने के लिए "डिस्कवर इजरायल के प्रतिनिधिमंडल" का हिस्सा बनने के लिए चुनी गई थी। उन्हे 2017 तक 17 वर्षों में 41 बार स्थानांतरित किया गया है, एफआईआर में राजनेताओं के नामकरण के लिए विशेषाधिकार का सामना करना पड़ा है। वह डीजीपी सत्यनारायण द्वारा 20 करोड़ की मांग करने वाले मानहानि के मुकदमे का भी सामना कर रही है।
श्रेष्ठ नृत्यांगना व गायिका भी हैं रूपा
वह कन्नड़ सिनेमा में एक पार्श्व गायिका भी हैं और उन्होंने कन्नड़ फिल्म बेलाताड़ा भीमन्ना के लिए एक गीत गाया है, रूपा हिन्दुस्तानी शास्त्रीय संगीत और एक प्रशिक्षितभरतनाट्यम भी जानती हैं। उन्हें 2016 और 2017 में दो बार राष्ट्रपति पुलिस पदक से सम्मानित किया गया है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.