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जरूरतमंद महिलाओं को फ्री वेडिंग ड्रेस देता है सबीथा नासर का रेनबो वुमेन बुटीक

Published - Sun 20, Sep 2020

केरल की सबीथा नासर का बुटीक जरूरतमंद महिलाओं को शादी की वेडिंग ड्रेस फ्री में उपलब्ध कराता है। अब तक वह सैंकड़ों महिलाओं को मदद कर चुका है।

नई दिल्ली। शादी की तारीख पक्की होते ही लड़का या लड़की को सबसे ज्यादा चिंता होती है अपने वेडिंग ड्रेस की। वो चाहें महंगी कितनी हो, लेकिन दिखे ऐसी कि लोगों की निगाहें उसपर ठहर जाएं। लेकिन इस संसार में कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो महंगी वेडिंग ड्रेस खरीदना तो दूर उसके बारे में सोच भी नहीं सकते और रोजमर्रा के कपड़ों में ही शादी करने को मजबूर होते हैं। ऐसे ही जरूरतमंदों के लिए सबीथा नासर एक ऐसा बुटीक शुरू किया है, जो इन्हें वेडिंग ड्रेस उपलब्ध करता है वो भी बिना किसी शुल्क के। सबीथा के प्रयास से लोगों की जिंदगी का खास दिन और खास बन रहा है।केरल की सबीथा नासर एक ऐसी लड़की हैं, जो किसी महिला को वेडिंग ड्रेस खरीदने के लिए आर्थिक रूप से जूझते नहीं देखना चाहतीं। इसी खास और नेक ख्याल के चलते आज से आठ साल पहले उन्होंने ऐसी ही महिलाओं के लिए कुछ करने की ठानी और एक ऐसा बुटीक शुरू करने का प्लान बनाया, जो जरूरतमंदों को फ्री में वेडिंग ड्रेस उपलब्ध कराए। ये काम वो अकेले करने में हिचक रहीं थीं ऐसे में वो वाट्सएप पर एक ग्रुप अगोरा से जुड़ गईं। ग्रुप में ऐसे लोग मिले, तो उनके जैसा सोचते थे। सबीथा ने केरल की बाइस अन्य महिलाओं के साथ मिलकर केरल भर से वेडिंग ड्रेसेस का कलेक्शन शुरू किया और रेनबो वुमेन बुटीक के नाम से एक बुटीक खोला और शुरू हो गई समाजसेवा।
रती जाती है सावधानी
बुटीक में आने वाले शादी के जोड़े पहले ड्राई क्लीन किया जाता है और उसके डिजाइन में थोड़ा बदलाव कर उसे खास बनाया जाता है। जिससे कि वो एकदम फैंसी और  स्टाइलिश लगे और शादी में दुल्हन उसे पहने, तो खास नजर आए। उनकी टीम अगोरा को पिछले तीन सालों में सौ से ज्यादा महिलाएं अपनी वेडिंग ड्रेस दे चुकी हैं। उनके ग्रुप में काम करने वाली युवतियां भी सबीथा को हर संभव मदद करती हैं। सबीथा को कपड़े डिजाइन करने का शौक है। एक बार वह अपने काम की प्रदर्शनी में एक ऐसी महिलाओं से मिलीं, जो उनकी तरह काम करने की लगन रखती थीं और सबने मिलकर सबीथा के साथ प्लान बनाया और उनके साथ काम करने में जुट गईं। उनकी टीम ने कन्नूर, कालीकट्ट, कोलम, पटामबी, पेयर कोची में सेंटर बनाया और जल्द ही कोच्चि और मंगलोर में सेंटर खोलना चाहती हैं।