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संगीता ने खुद संभाली खेती चुकाया लाखों का कर्ज

Published - Thu 03, Dec 2020

कहते हैं कि परिस्थितियां इंसान को सब कुछ सिखा देती हैं। कुछ ऐसा ही हुआ महाराष्ट्र की रहने वाली संगीता के साथ, लेकिन विपरीत परिस्थतियों में भी उन्होंने हिम्मत नहीं हारी बल्कि पूरे साहस और हौसले से जिंदगी की जंग जीतकर आगे बढ़ीं।

नई दिल्ली। संगीता बोरासते महाराष्ट्र के नासिक की रहने वाली हैं। जब उनका विवाह हुआ, उस समय उनके पति बैंक में काम करते थे। संगीता की मानें तो घर में अंगूर की संयुक्त खेती होती थी लेकिन कुछ समय बाद बंटवारा हुआ, तो हमारे हिस्से में तकरीबन दस एकड़ जमीन आई। मेरे पति ने अंगूर की खेती करने के लिए नौकरी छोड़ दी, लेकिन उन्हें कई बार नुकसान उठाना पड़ा। बार-बार नुकसान होने के चलते हमें कर्ज लेना पड़ा और कुछ जमीन बेचनी पड़ी। वर्षों के संघर्ष के बाद आखिरकार 2014 में हमारी फसल बहुत अच्छी हुई। हमें लगा कि सारी परेशानियां दूर हो जाएंगी, लेकिन फसल की कटाई से कुछ दिन पहले ही मेरे पति का देहांत हो गया। मेरे कंधों पर तीन बच्चों की जिम्मेदारी और तकरीबन 30 लाख रुपये का कर्ज था। मैंने खुद खेती की कमान संभाली और किसानी करते हुए मैंने मुश्किल से मुश्किल परिस्थितियों का सामना किया, लेकिन कई वर्षों की मेहनत के बाद मुझे आखिरकार एक कंपनी का सहयोग मिला और मेरी फसल विदेशों में जाने लगी। कुछ ही वर्षों में मैंने न सिर्फ अपना सारा कर्ज चुकाया, बल्कि प्रतिवर्ष पंद्रह लाख रुपये की आमदनी भी होने लगी। किसान परिवार से होने के नाते खेती-किसानी के तौर-तरीके मैं जानती थी, पर कभी खेती नहीं की थी। परिस्थितिवश जब मुझे खेती करनी पड़ी, तो न सिर्फ अपनी आजीविका का सही प्रबंध किया, बल्कि लाखों का कर्ज भी चुकाया। 
    
गुणवत्ता पर जोर दिया

धीरे- धीरे जब ग्राहकों ने मुझसे संपर्क किया, तो मैंने अपने खेत के अंगूरों की गुणवत्ता बढ़ाने पर जोर दिया, ताकि निर्यात करने में कोई परेशानी न आए। अब हर साल हमारी 50 फीसदी से ज्यादा उपज देश के बाहर निर्यात की जाती है।

अकेले सब कुछ संभाल लिया

शुरुआत में मुझे खेती के बारे में ज्यादा कुछ पता नहीं था, जिस वजह से मैं अपने रिश्तेदारों पर निर्भर थी। अंगूर की बेल मौसम के प्रति बहुत संवेदनशील होती हैं। मौसम में जरा से परिवर्तन से फसल पर असर पड़ता था। इस वजह से हर साल मुझे बहुत-सी परेशनियां झेलनी पड़ती थीं, लेकिन एक समय के बाद सब कुछ मैंने खुद ही संभाल लिया। 

हौसला मत छोड़ो 

मैंने अपनी इस जिंदगी में एक महत्वपूर्ण बात यह सीखी है कि चाहे कितनी भी बुरी परिस्थिति आ जाएं, कभी भी हौसला मत छोड़ो और अगर सफल होने का लक्ष्य रखा है, तो कभी हार मत मानो। बतौर किसान मेरा अनुभव है कि किसान यदि कड़ी मेहनत को तैयार हैं, तो उन्हें सफलता से कोई नहीं रोक सकता।