हमारे लोकतंत्र में संवाद को सबसे अहम बताया गया है। लेकिन बीते दो दशक से राजनीतिक पार्टियों और जनप्रतिनिधियों में प्रतिद्वंद्विता इतनी बढ़ गई है कि चुनाव में जीता हुआ प्रत्याशी निवर्तमान पदाधिकारी से राय-मशविरा करना तो दूर वह उससे ज्यादा बात करना भी पसंद नहीं करता। इन हालातों में राजस्थान के सीकर जिले की ग्राम पंचायत झीगर छोटी की सरपंच किरण देवी देश के सभी जनप्रतिनिधियों के लिए एक मिसाल बन गई हैं। वह पंचायत के किसी भी बड़े फैसले में पूर्व के सभी सरपंचों से सलाह लेने के बाद ही कोई कदम उठाती हैं। पढ़ी-लिखी युवा सरपंच गांव में शिक्षा, सफाई के साथ विकास कार्यों को काफी तवज्जो देती हैं। आइए जानते हैं सरपंच किरण के बारे में...
नई दिल्ली। किरण देवी राजस्थान के सीकर जिले की ग्राम पंचायत झीगर छोटी (Jhigar Chhoti) की सरपंच हैं। किरण देवी अन्य सरपंचों की तरह गांव के विकास के लिए काम तो कर ही रही हैं, लेकिन एक बात ऐसी है, जो उन्हें देश के किसी भी सरपंच से अलग बनाती है। वह है उनकी शानदार सोच और बड़ों को आदर देने की आदत। यही वजह है कि गांव के सभी लोग उनके मुरीद हैं। आज के दौर में जहां देश के ज्यादातर सरपंच चुनाव जीतने के बाद अपने किसी भी फैसले में पुराने सरपंच की राय लेना मुनासिब नहीं समझते। वहीं, किरण देवी पंचायत से जुड़ा कोई भी बड़ा फैसला करने से पहले एक नहीं, बल्कि गांव में अब तक जिंदा सभी पूर्व सरंपचों को एकसाथ बैठाकर उनकी सलाह लेती हैं। पंचायत के दौरान झीगर छोटी में लोकतंत्र का शानदार नजारा देखने को मिलता है। यही बात सरपंच किरण देवी (Sarpanch Kiran Devi) को राजस्थान ही नहीं देश के सभी सरपंचों से अलग बनाती है।
झीगर छोटी में अभी जिंदा हैं 7 पूर्व सरपंच
राजस्थान (Rajasthan) में पंचायती राज व्यवस्था नागौर जिले के बगदरी गांव से 2 अक्तूबर 1959 को लागू हुई। इसके बाद झीगर छोटी में साल 1960 में सरपंच का पहला चुनाव हुआ। अब तक एक दर्जन से अधिक सरपंच यहां चुने जा चुके हैं, लेकिन इनमें से सात ही पूर्व सरपंच अब तक जिंदा हैं। इनमें सुखदेवाराम, मांगीलाल (सबसे बुजुर्ग 90 साल), ओमप्रकाश झीगर, कमला देवी, मोतीराम ओला, नथमल जैन व बीरबल सिंह शामिल हैं। ये पूर्व सरपंच भी किरण देवी को खुशी-खुशी अपनी सलाह देते हैं। जहां कुछ गलती होती है, उसे सुधारते हैं।
एमए-बीएड हैं सरपंच किरण देवी
साढ़े तीन हजार की आबादी वाली ग्राम पंचायत झीगर छोटी की युवा सरपंच किरण देवी एमए-बीएड की हुई हैं। पढ़ी-लिखी होने के कारण गांव के विकास को लेकर उनका नजरिया औरों से थोड़ा अलग है। पूर्व सरपंचों को पंचायत के फैसले में शामिल करना भी उनकी बेहतरीन और स्वच्छ मानसिकता को दर्शाता है। बेटियों की शिक्षा से लेकर साफ-सफाई, गांव में पक्की सड़कों का निर्माण, नालियों को बनवाना और पानी की समस्या से निपटने के लिए संसाधन जुटाना सरपंच किरण देवी की प्राथमिकता है।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.