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गृहणी का भेष बना के मुनाफाखोरों को पकड़ रही हैं एसडीएम

Published - Fri 03, Apr 2020

कोरोना वायरस के बीच पूरा देश लॉकडाउन है, ऐसे में जरूरत का सामान डबल रेट में मिल रहा है। ऐसे दुकानदारों को सबक सिखाने के लिए लखनऊ के मोहनलालगंज की एसडीएम पल्लवी मिश्रा ने भेष बदला और मुनाफा कमा रहे दुकानदारों को सबक सिखाया।

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लखनऊ। कोराना वायरस के बीच जहां पूरी दुनिया जरूरतमंदों की सेवा करने में लगी है, वहीं कुछ मुनाफाखोर इस संकट की घड़ी में भी लोगों की मजबूरी का फायदा उठाने में लगे हैं। ऐसा समय जब जरूरतमंदों की सहायता करने का है, ऐसे में मुनाफाखोर जरूरत के सामान का दाम दुगना कर अपनी झोली भरने में लगे हैं। ऐसे ही मुनाफाखोर को लखनऊ की एसडीएम पल्लवी मिश्रा ने सबक सिखाने की ठानी और दिखा दिया कि अगर अफसर जिम्मेदारी से अपना फर्ज निभाएं तो देश को सुधारा जा सकता है।

भेष बदलकर निकलीं सड़कों पर
एसडीएम पल्लवी ने इस काम को करने के लिए अफसर की भूमिका की जगह एक गरीब महिला का किरदार निभाया। इसके लिए उन्होंने पहले अलमारीसे एक पुराना सूट निकाला। उसपर प्रेस की और पुरानी हवाई चप्पल पहनीं। दशा गरीब की ही लगे, इसके लिए महिला कर्मचारी से एक पुराना पर्स लिया और घूंघट कर राशन और रोजमर्रा की वस्तुओं की दुकानों पर भीड़ के बीच खड़ी हो गईं। जब उनका नंबर आया, तो वो ये देखकर हैरान थीं कि जो चीज एमआरपी पर पांच या दस रुपये की थी, उसका दाम दुकानदार डबल वसूल रहे हैं। खैर एसडीएम ने वस्तुओं का बिल चुकाया और चुपचाप लौट गईं।

जब दुकानदारों पर पहुंचा नोटिस
पल्लवी ने करीब बीस दुकानों पर जाकर इसकी जांच की। हर दुकान पर यही आलम था कि तय रेट से डबल रेट वसूले जा रहे थे। पल्लवी ने बाद में सभी दुकानदारों को नोटिस भिजवाया तो दुकानदारों के पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई। बाद में सभी दुकानदारों को चेतावनी दी गई कि यदि रेट से ज्यादा पैसा वसूला तो खैर नहीं। कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पल्लवी को है गरीबों की फिक्र
कोरोना संकट के बीच गरीबों को दो वक्त की रोटी मिल पाना मुश्किल हो रहा है। पल्ल्वी अपनी ओर से तो संभव मदद कर ही रही हैं, लेकिन सभी को मदद कर पाना संभव भी नहीं है। ऐसे में गरीबों को उचित दाम पर आटा, दाल, चावल आदि मिले इसके लिए उन्होंने इस तरह का अभियान चलाने की ठानी। पल्लवी को लगता है कि कानून के डर से मुनाफाखोर गरीबों से अनुचित दाम वसूलने से पहले दस बार सोचेंगे। इस अभियान से संकट के समय गरीबों के साथ अन्याय नहीं होगा।