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कम उम्र में शर्मिला ने लगाई बड़ी छलांग

Published - Thu 15, Jul 2021

हरियाणा के हिसार के कैमरी गांव की शर्मिला देवी की उम्र मात्र 19 साल है, लेकिन कम उम्र में उन्होंने बड़ा मुकाम हासिल किया है। अपने करिश्माई खेल से पहले जूनियर हॉकी टीम से सीनियर टीम और अब सीधे ओलंपिक टीम में जगह बनाई है।

sharmila devi

नई दिल्ली। जोश, हौसला और जूनून। ये सभी भारतीय महिला हॉकी टीम की मजबूत प्लेयर शर्मिला देवी में कूट-कूटकर भरा है। मैदान में अपने करिश्माई खेल से सबको चौंकाने वाली शर्मिला कम उम्र में बड़ी प्लेयर बन चुकी हैं। टोक्यो ओलंपिक के लिए भारतीय टीम का हिस्सा शर्मिला ओलंपिक के लिए मौका पाकर बेहद खुद हैं। शर्मिला का कहना है कि वो हर मौके को भुनाना और खेल में बेहतर करना चाहती हैं।
किसान परिवार से है ताल्लुक
हरियाणा के हिसार के कैमरी गांव की शर्मिला ने एक किसान परिवार में जन्म लिया। पिता सुरेश खेतीबाड़ी करते हैं और माता संतोष गृहणी हैं। शर्मिला  के दादा उन्हें बचपन से ही खिलाड़ी बनाना चाहते थे, जिसके चलते बचपन में वे उन्हें ग्राउंड पर घंटों फिजिकल ट्रेनिंग और प्रैक्टिस कराते। आर्थिक रूप से भी शर्मिला को अपने दादा का सबसे ज्यादा सपोर्ट मिला। शर्मिला के दादा सेना से रिटायर्ड थे और उनका सपना था कि बेटियां आगे बढ़े, सरकारी नौकरी में जाएं। जब वो चौथी कक्षा में थीं तो उस समय की डीपी प्रवीणा सिहाग ने उन्हें हॉकी खेलने के लिए प्रेरित किया। प्रवीणा खुद राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी रह चुकी हैं। हॉकी में शर्मिला की रूचि बढ़ती गई। शर्मिला ने 2009 से 2012 तक अपने गांव में ही हॉकी खेली। इस दौरान उसने राज्य स्तर पर मैच खेले। 2012 में चंडीगढ़ हॉकी एकेडमी में उनका चयन हो गया। चंडीगढ़ एकेडमी से शर्मिला ने 2016 तक हॉकी खेली। 2016 में वो हिसार आईं और पूर्व भारतीय कप्तान, कोच व अर्जुन अवार्डी प्रीतम व उनके पति अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी कुलदीप सिवाच की देखरेख में खेल को निखारने लगीं।
हरियाणा टीम में नहीं हुआ चयन तो हिमाचल चुना
अच्छा खेलने के बाद भी शर्मिला का चयन हरियाणा की जूनियर हॉकी टीम में नहीं हो पा रहा था। बार-बार कोशिश करतीं, लेकिन निराशा ही हाथ लगती। इस बीच उनकी कोच प्रीतम ने उन्हें जूनियर हिमाचल टीम के ट्रायल के लिए भेजा। 2018 में नेशनल जूनियर टीम में उनका सलेक्शन हो गया। शर्मिला ने हरियाणा, दिल्ली, हिमाचल से खेलकर स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक हासिल किए थे। जूनियर हॉकी टीम में खेलते हुए शर्मिला ने आयरलैंड व सोवियत संघ की प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया और प्रथम स्थान प्राप्त किया। उनके खेल को देखते हुए जूनियर टीम से उनका चयन 2019 में सीधे नेशनल सीनियर टीम में कर लिया गया। इसके बाद उनका चयन ओलंपिक क्वालिफायर टीम में हुए और टीम ने ओलंपिक के लिए क्वालीफाइ किया। इस मुकाबले में गोल शर्मिला ने भी दागा। हाल ही में शर्मिला का चयन ओलंपिक के लिए चुनी गई राष्ट्रीय महिला हॉकी टीम में हुआ है। शर्मिला ने 2019 में सीनियर टीम के लिए अपना पहला मैच खेला था। ओलंपिक टेस्ट इवेंट में अंतराष्ट्रीय स्तर पर अपना सफर शुरू करने वाली शर्मिला के लिए ये साल बेहद खुशनुमा रहा। शर्मिला ने अब तक सीनियर टीम के लिए नौ मैच खेले हैं।
कोच प्रीतम को है उम्मीद
प्रीतम हॉकी एकेडमी सोनीपत की उनकी कोच प्रीतम का कहना है कि पहले शर्मिला चंडीगढ़ में रहकर पढ़ाई और कोचिंग कर रही थीं। जब वो उनके पास कोचिंग के लिए आईं तो उन्होंने उनकी प्रतिभा को भाप लिया था। वे कहती हैं कि शर्मिला को लंबा खेलना है। परिवार सरकारी नौकरी के लिए खेलों में उन्हें आगे बढ़ाना चाहता था और उनको उम्मीद भी नहीं थी कि वे इतना आगे जाएंगी। प्रीतम का कहना है कि शर्मिला ने पांच साल से भी ज्यादा समय तक उनके पास ट्रेनिंग की है। एक छोटे से कस्बे से निकलकर ओलंपिक तक पहुंचने वाली शर्मिला बेहद ही योग्य खिलाड़ी हैं। कोच प्रीतम को उम्मीद है कि टीम ओलंपिक में अच्छा करेगी।