दुनिया के सबसे आधुनिक फाइटर विमान राफेल के भारत आने के बाद से ही यह चर्चा हो रही थी कि इनकी कमान कौन संभालेगा। तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे। इस बीच एक महिला फाइटर पायलट को भी राफेल उड़ाने वाले जांबाजों में शामिल करने की चर्चा चली तो लोग कई नामों की दावेदारी पेश करने लगे। बुधवार को इन तमाम तरह की चर्चाओं और कयासों पर उस समय विराम लग लग गया जब गोल्डन एरो स्क्वाड्रन की इकलौती और पहली महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट वाराणसी की शिवांगी सिंह को शामिल करने पर मुहर लग गई।
नई दिल्ली। दुनिया के सबसे आधुनिक फाइटर विमान राफेल के भारत आने के बाद से ही यह चर्चा हो रही थी कि इनकी कमान कौन संभालेगा। तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे। इस बीच एक महिला फाइटर पायलट को भी राफेल उड़ाने वाले जांबाजों में शामिल करने की चर्चा चली तो लोग कई नामों की दावेदारी पेश करने लगे। बुधवार को इन तमाम तरह की चर्चाओं और कयासों पर उस समय विराम लग लग गया जब गोल्डन एरो स्क्वाड्रन की इकलौती और पहली महिला फ्लाइट लेफ्टिनेंट वाराणसी की शिवांगी सिंह को शामिल करने पर मुहर लग गई। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की बेटी को यह मौका मिलने की खबर जैसे ही उनके परिजनों को मिली वे खुशी से झूम उठे। वाराणसी में पली, बढ़ीं और बीएचयू से एनसीसी करने वाली शिवांगी सिंह जल्द ही राफेल पर परवाज भरती नजर आएंगी।
2017 में वायु सेना में मिला था कमीशन
महिला फाइटर पायलटों के दूसरे बैच में शामिल की गई शिवांगी को वर्ष 2017 में भारतीय वायु सेना में कमीशन मिला था। वाराणसी की मूल निवासी फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी सिंह फिलहाल प्रशिक्षण के दौर में हैं। अब जल्द ही वह अंबाला में मौजूद भारतीय वायु सेना की 17 स्क्वाड्रन गोल्डन एरो का हिस्सा बन जाएंगी। साल 2017 से ही शिवांगी सिंह मिग -21 बाइसन जैसा विमान उड़ा रही हैं। वह अंबाला में भारत के सर्वश्रेष्ठ फाइटर पायलटों में से एक विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के साथ भी रह चुकी हैं।
बचपन से ही विमान उड़ाने का था सपना
शिवांगी के पिता कुमारेश्वर सिंह ट्रांसपोर्ट का बिजनेस करते हैं। उनके मुताबिक बेटी बचपन से ही विमान उड़ाना चाहती थी। परिवार ने भी बेटी के सपनों में रंग भरने में कभी कोई कमी नहीं छोड़ी। शिवांगी ने 2013 से 2016 तक बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में एनसीसी का प्रशिक्षण लिया और सनबीम भगवानपुर से बीएससी किया था। शिवांगी की मां सीमा सिंह गृहिणी हैं। शिवांगी का भाई मयंक वाराणसी में ही कक्षा 12वीं का छात्र है। शिवांगी ने वर्ष 2016 में प्रशिक्षण के लिए वायु सेना अकादमी ज्वाइन की थी। फ्लाइट लेफ्टिनेंट शिवांगी भारतीय वायुसेना के सबसे पुराने जेट विमान मिग -21 बाइसन और सुखोई एमकेआई से लेकर आधुनिकतम राफेल विमान को उड़ाने वाली पहली भारतीय महिला भी हैं। शिवांगी के मुताबिक जब वह 10 साल की थी तक उनके गांव में एक नेता हेलिकॉप्टर से आए थे। सब उन्हें देखने जा रहे थे, मैं भी अपने नाना जी के साथ गई और तब मैंने हेलिकॉप्टर को उड़ते हुए देखा। उसी समय मैंने फैसला कर लिया था कि मैं भी पायलट बनूंगी। शिवांगी बताती हैं, जब फोर्थ ईयर में यूनिवर्सिटी एंट्री स्कीम के लिए नेवी आई थी, तो उनकी यूनिफार्म देखकर मैं बहुत ज्यादा आकर्षित हो गई। फिर मुझे पता लगा कि बतौर पायलट नेवी में वुमेन एंट्री शुरू हुई है। तभी मैंने सोच लिया कि मैं इस क्षेत्र में जाऊंगी।
पहली उड़ान में लगा था काफी डर
शिवांगी अपनी पहली उड़ान के बारे में बताते हुए आज भी हंस पड़ती हैं। उनके मुताबिक जब पहली बार मुझे अकेले प्लेन लेकर जाने के लिए कहा गया तो मैं बहुत डर गई थी। दिमाग में डर था कि पता नहीं मैं अकेले लेकर जा पाऊंगी भी यह नहीं। लेकिन जब पहली बार टेक ऑफ किया तो सारा डर निकल गया। अचानक दुनिया बहुत छोटी नजर आने लगी।
नारी गरिमा को हमेशा बरकरार रखने और उनके चेहरे पर आत्मविश्वास भरी मुस्कान लाने का मैं हर संभव प्रयास करूंगा/करूंगी। अपने घर और कार्यस्थल पर, पर्व, तीज-त्योहार और सामाजिक, सांस्कृतिक व धार्मिक आयोजनों समेत जीवन के हर आयाम में, मैं और मेरा परिवार, नारी गरिमा के प्रति जिम्मेदारी और संवेदनशीलता से काम करने का संकल्प लेते हैं।
My intention is to actively work towards women's dignity and bringing a confident smile on their faces. Through all levels in life, including festivals and social, cultural or religious events at my home and work place, I and my family have taken an oath to work with responsibility and sensitivity towards women's dignity.